Provident Fund से जुड़े काम निपटेंगे आसानी से, जानिए लेबर मिनिस्ट्री ने क्या बड़ा फैसला लिया
Labor Ministry ने अपने मंत्रालय के साथ-साथ 6 बड़े विभागों में ट्रांसफर/पोस्टिंग रोक दी है। Covid 19 केस बढ़ने के कारण मिनिस्ट्री ने यह प्रक्रिया रोकी है। मिनिस्ट्री के आदेश की मानें तो ऐसा covid केस की तेजी से बढ़ती संख्या की रोकथाम के लिए किया गया है।
By Ankit KumarEdited By: Updated: Tue, 04 May 2021 07:43 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Labor Ministry ने अपने मंत्रालय के साथ-साथ 6 बड़े विभागों में ट्रांसफर/पोस्टिंग रोक दी है। Covid 19 केस बढ़ने के कारण मिनिस्ट्री ने यह प्रक्रिया रोकी है। मिनिस्ट्री के आदेश की मानें तो ऐसा covid केस की तेजी से बढ़ती संख्या की रोकथाम के लिए किया गया है। इन ट्रांसफर/पोस्टिंग में मिनिस्ट्री और दूसरे विभागों के हर cadre के अफसर और कर्मचारी शामिल हैं।
क्या है कारणमिनिस्ट्री के मुताबिक ये ट्रांसफर/पोस्टिंग मौजूदा Guidelines के आधार पर होने थे लेकिन इन्हें 31 मई तक रोक दिया गया है। ऐसे ट्रांसफर/पोस्टिंग तभी होंगे अगर विभाग में बड़ी जरूरत आ पड़ती है या फिर कोई प्रमोशन के बाद कोई Vacancy होती है।
इन विभागों में नहीं होगा ट्रांसफरलेबर मिनिस्ट्री ने जिन विभागों को शामिल किया है, उनमें EPFO। ESIC, DGMS, DGFASLI, CLC (C) और Labour Bureau है। लेबर मिनिस्ट्री के डायरेक्टर डॉ। महेंद्र कुमार के मुताबिक इस आदेश का Compliance मंत्रालय के सभी विभागों को मानना जरूरी है। यह Covid safety गाइडलाइंस के तहत किया गया है।
क्या है EPFOProvident Fund कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा (Financial security) देता है। कंपनी और कर्मचारी दोनों अपनी सैलरी का 12 प्रतिशत भविष्य निधि (PF) में जमा करते हैं। कर्मचारी का Contribution EPF में जमा होता है। वहीं, कंपनी का अंशदान दो हिस्सों में बांटकर जमा किया जाता है। इनमें 3।67% EPF में जाता है और दूसरा 8।33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में जाता है।
क्या है EPSपेशे से CA और टैक्स एक्सपर्ट मनीष गुप्ता के मुताबिक EPS कर्मचारी के रिटायरमेंट पर काम आती है। इससे उसे रिटायरमेंट बाद पेंशन तय हो जाती है, जो उसके बुढ़ापे में खर्चा चलाने का स्रोत होती है।कितनी मिलती है पेंशनमनीष गुप्ता के मुताबिक EPS का फायदा लेने के लिए कम से कम 10 साल तक नौकरी करनी पड़ती है। हालांकि 9 साल 6 महीने की नौकरी भी 10 साल की मानी जाती है।
(लेखकः आशीष दीप)