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LIC IPO की फाइल और आगे बढ़ी, 10 मर्चेंट बैंकों का हुआ चयन, जानें कब तक आएगा देश का सबसे बड़ा आईपीओ

LIC IPO News सरकार ने गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक जेपी मार्गन चेज एंड कंपनी तथा आइसीआइसीआइ सिक्योरिटीज सहित 10 मर्चेट बैंकरों का चयन लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के प्रबंधन के लिए किया है।

By Ankit KumarEdited By: Updated: Mon, 30 Aug 2021 07:20 AM (IST)
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एलआइसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक, जेपी मार्गन चेज एंड कंपनी तथा आइसीआइसीआइ सिक्योरिटीज सहित 10 मर्चेट बैंकरों का चयन लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के प्रबंधन के लिए किया है। एलआइसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है। इस IPO के लिए बुक रनिंग लीड प्रबंधक (बीआरएलएम) की भूमिका निभाने के लिए 10 घरेलू और अंतराष्ट्रीय कंपनियों ने 26 अगस्त को निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया था।

इसे देश के इतिहास का सबसे बड़ा IPO बताया जा रहा है। एक अधिकारी ने कहा, गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक, जेपी मार्गन चेज एंड कंपनी, आइसीआइसीआइ सिक्योरिटीज लिमिटेड, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, सिटीग्रुप इंक तथा नोमुरा होल्डिंग्स इंक सहित कुल 10 बीआरएलएम का चयन IPO के प्रबंधन के लिए किया गया है।

मर्चेट बैंकरों के चयन के बाद एलआइसी का अंतर्निहित मूल्य (इंबेडेड वैल्यूएशन) निकाला जा रहा है। यह मूल्यांकन सामने आने के बाद सरकार IPO पर आगे बढ़ेगी तथा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास दस्तावेज जमा कराएगी।

मिलीमैन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया एलआइसी का अंतर्निहित मूल्यांकन निकालने का काम कर रही है। डेलायट तथा एसबीआई कैप्स को आईपीओ-पूर्व सौदा सलाहकार नियुक्त किया गया है। सरकार का इरादा चालू वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में एलआइसी के आईपीओ की शेयर बाजार में लिस्टिंग कराने की योजना है।

एफपीआइ ने अगस्त में भारतीय बाजारों में किया महज 986 करोड़ रुपये का निवेश

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआइ ने अगस्त में भारतीय शेयर बाजारों में मात्र 986 करोड़ रुपये डाले हैं। भारतीय शेयरों को लेकर वैश्विक निवेशकों का रुख सतर्कता वाला बना हुआ है।

डिपाजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआइ ने दो से 27 अगस्त के दौरान शेयरों में 986 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस दौरान ऋण या बांड बाजार में उनका निवेश 13,494 करोड़ रुपये रहा। इस तरह भारतीय बाजारों में उनका शुद्ध निवेश 14,480 करोड़ रुपये रहा। जुलाई में एफपीआइ ने 7,273 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी।