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LIC Q4 Result: एलआईसी की सालाना नेट प्रॉफिट 17% घटी, कंपनी निवेशकों को देगी 1.50 रुपये/शेयर का लाभांश

LIC Q4 Results। एलआईसी ने Q4 का रिजल्ट जारी कर दिया है। कंपनी की नेट प्रीमियम आय 144158.84 करोड़ रुपये हो गई है जो एक साल पहले इसी तिमाही में 17.88 प्रतिशत अधिक थी। शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद कंपनी ने यह रिजल्ट जारी किया है।

By Sarveshwar PathakEdited By: Updated: Tue, 31 May 2022 07:34 AM (IST)
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सालाना नेट प्रॉफिट 17% घटकर हुआ 2,409 करोड़ रुपये
नई दिल्ली, एएनआई। LIC Q4: एलआईसी की नेट प्रीमियम आय 1,44,158.84 करोड़ रुपये हो गई है, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1,22,290.64 करोड़ रुपये से 17.88 प्रतिशत अधिक थी। बता दें कि शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद बीमा दिग्गज की ओर से यह पहला आय विवरण जारी किया गया है, जिसमें उसके प्रॉफिट पर काफी बुरा असर हुआ है। वहीं, दूसरी ओर कंपनी के बोर्ड ने अपने निवेशकों को 1.50 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड देने का फैसला किया है।

दरअसल, भारत के सबसे बड़े बीमाकर्ता जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने सोमवार को मार्च 2022 को समाप्त तिमाही के लिए 2,409.39 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो इसी अवधि में दर्ज 2,917.33 करोड़ रुपये से 17.41 प्रतिशत कम है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सरकार द्वारा संचालित बीमाकर्ता ने 4,043.12 करोड़ रुपये का नेट पोस्ट किया, जो कि 2020-21 में दर्ज 2,900.56 करोड़ रुपये की तुलना में 39.4 प्रतिशत अधिक है।

मार्च 2022 को समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में एलआईसी का कुल राजस्व साल-दर-साल 11.64 प्रतिशत बढ़कर 2,11,471 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में यह 1,89,176 करोड़ रुपये था।

एलआईसी बोर्ड ने सोमवार को हुई अपनी बैठक में 31 मार्च, 2022 को समाप्त तिमाही और वर्ष के वित्तीय परिणामों को मंजूरी दी। LIC ने अपने निवेशकों के लिए 1.50 रुपए प्रति शेयर का डिविडेंड देने का फैसला किया है। कंपनी के नतीजे मार्केट बंद होने के बाद आए हैं। LIC के शेयर आज BSE पर 1.81% की तेजी के साथ 836.50 रुपये पर बंद हुए थे।

बता दें कि IPO के इश्यू प्राइस से अब तक एलआईसी के शेयरों का भाव 15% तक गिर चुका है। कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 17 मई को हुई थी। एलआईसी का आईपीओ देश का अब तक का सबसे बड़ा इश्यू था। कंपनी का इश्यू सिर्फ 6 गुना ही सब्सक्राइब हो पाया था। एलआईसी के इश्यू में रिटेल इनवेस्टर्स और इंस्टीट्यूशनल बायर्स ने जमकर बोली लगाई थी, जबकि विदेशी निवेशकों ने इस आईपीओ में कुछ खास दिलचस्पी नहीं जताई थी। सरकार ने इश्यू के जरिए एलआईसी में 3.5% हिस्सेदारी यानी 22.13 करोड़ शेयर बेचे थे।