क्या हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट में उतर रही LIC? सरकारी बीमा कंपनी ने कही ये बात
इस तरह की बातें चल रही थीं कि सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट में एंट्री कर सकती है और वह लिए बातचीत भी कर रही है। फिलहाल लाइफ इंश्योरेंस वाली कंपनियों को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने की इजाजत नहीं है। ऐसी पॉलिसियां जनरल इंश्योरेंस या फिर स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां जारी करती हैं। एलआईसी ने हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट में उतरने की अटकलों पर स्पष्टीकरण जारी किया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (LIC) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि अभी हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट में एंट्री करने के लिए उसके पास "कोई औपचारिक प्रस्ताव" नहीं है। फिलहाल लाइफ इंश्योरेंस वाली कंपनियों को हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने की इजाजत नहीं है। ऐसी पॉलिसियां जनरल इंश्योरेंस या फिर स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां जारी करती हैं।
LIC रेगुलेटरी फाइलिंग में कहा, 'ऐसे में हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमने अभी तक प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के जरिए के स्वास्थ्य बीमा बेचने का कोई औपचारिक प्रस्ताव शुरू नहीं किया है। हालांकि, हम रणनीतिक भागीदारी के माध्यम से अपने कारोबार को बढ़ाने की संभावनाओं लगातार तलाशते रहते हैं।'
सभी लाइसेंस की मिलेगी इजाजत!
ऐसी उम्मीद है कि बीमा अधिनियम में संशोधन करके समग्र लाइसेंस की अनुमति दी जा सकती है। बीमा अधिनियम, 1938 और भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (इरडा) के नियमों के अनुसार, किसी बीमाकर्ता को एक इकाई के तहत जीवन, सामान्य या स्वास्थ्य बीमा करने के लिए समग्र लाइसेंस की इजाजत नहीं है।
फरवरी में एक संसदीय पैनल ने देश में बीमा की पहुंच बढ़ाने के लिए एक बीमाकर्ता को एक इकाई के तहत जीवन, सामान्य या स्वास्थ्य बीमा करने के लिए समग्र लाइसेंस की शुरुआत करने का सुझाव दिया था। बीजेपी नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाले पैनल ने सरकार को बीमा कंपनियों के लिए समग्र लाइसेंसिंग का प्रावधान शुरू करने और जल्द से जल्द कानून में संबंधित संशोधन करने का सुझाव दिया था।
संशोधन से बीमा को मिलेगा बढ़ावा
रिपोर्ट में कहा गया था कि समग्र लाइसेंसिंग की अनुमति देने से बीमा क्षेत्र को इसके विभिन्न लाभों के कारण और अधिक प्रोत्साहन मिल सकता है, इससे बीमाकर्ताओं के लिए लागत और अनुपालन संबंधी परेशानियाँ कम हो सकती हैं, क्योंकि वे एक ही छत के नीचे अलग-अलग बीमा पॉलिसीज चला सकते हैं।
संसद में पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि इससे ग्राहकों का भी फायदा होगा और उन्हें किफायती दरों पर पॉलिसी मिल सकती है। जैसे कि एक ही पॉलिसी जिसमें जीवन, स्वास्थ्य और बचत शामिल हो। इससे भारत में बीमा पहुंच और जागरूकता बढ़ने की भी उम्मीद है, क्योंकि ग्राहक एक ही कंपनी से सभी बीमा ले सकेंगे। इससे प्रीमियम कम होगा और क्लेम को निपटान करने में भी सहूलियत होगी।समिति ने कहा था कि भारत में समग्र लाइसेंसिंग को सक्षम करने के लिए, सरकार और IRDAI मौजूदा बीमा कानून में संशोधन लाने की योजना बना रहे हैं।
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