लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी लेने की सोच रहे, तो इन बातों का रखें ध्यान; होगा बड़ा फायदा
कई बार लोग अपनी व्यक्तिगत और बिजनेस से जुड़ी आर्थिक जरूरत को पूरा करने के लिए प्रोपर्टी पर लोन लेते हैं। प्रोपर्टी के अगेंस्ट लोन लेकर आप अपने मकान को रिनोवेट करा सकते हैं नई कार खरीद सकते हैं या बच्चों की पढ़ाई पर खर्च कर सकते हैं।
By Ankit KumarEdited By: Updated: Tue, 20 Apr 2021 03:18 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कई बार लोग अपनी व्यक्तिगत और बिजनेस से जुड़ी आर्थिक जरूरत को पूरा करने के लिए प्रोपर्टी पर लोन लेते हैं। प्रोपर्टी के अगेंस्ट लोन लेकर आप अपने मकान को रिनोवेट करा सकते हैं, नई कार खरीद सकते हैं या बच्चों की पढ़ाई पर खर्च कर सकते हैं। प्रोपर्टी अगेंस्ट लोन में आपको अपनी संपत्ति को मॉर्गेज करने के बदले लोन मिलती है। यह एक सेक्योर्ड लोन होता है। इसके साथ-साथ आपको पर्सनल लोन या कार लोन की तुलना में ज्यादा अवधि के लिए लोन मिल जाता है। साथ ही इस पर पर्सनल लोन या कार लोन की तुलना में कम ब्याज देना होता है।
प्रोपर्टी पर लोन लेने से पहले इन बातों का रखें ध्यानब्याज दर की तुलना
टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति ने प्रोपर्टी पर लोन लेने का मन बना लिया है तो उसे सबसे पहले लोन की कुल कॉस्टिंग को ध्यान में रखना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले विभिन्न बैंकों या लेंडर्स के ब्याज दर की तुलना करना जरूरी होता है। साथ ही यह ध्यान में रखना जरूरी है कि लेंडर ब्याज दर की गणना मासिक आधार पर करते हैं या सालाना आधार पर। इस तरह आपको कुल लागत का अंदाजा हो जाता है।
प्रोसेसिंग फीस
यहां भी होम लोन की तरह आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि लोन की रकम पर प्रोसेसिंग फीस कितना लग रहा है। विभिन्न बैंक प्रोसेसिंग फीस के रूप में लोन की रकम पर 0.50 फीसद से लेकर दो फीसद तक की प्रोसेसिंग फीस लेते हैं। अधिक लोन लेने पर प्रोसेसिंग फीस की रकम काफी अधिक हो जाती है। इससे लोन की लागत बढ़ जाती है। आप प्रोसेसिंग फीस को लेकर बैंक या लेंडर से बार्गेन भी कर सकते हैं। साथ ही अन्य तरह के छिपे हुए शुल्कों की जानकारी भी जरूरत प्राप्त कीजिए।
Pre-Payment Chargesलोन की लागत कम करने के लिए यह काफी अहम हो जाता है। अगर आपके पास कहीं से कुछ रुपये आ जाते हैं तो आपको इस बात की सुविधा होनी चाहिए कि आप बिना किसी अतिरिक्त शुल्क यानी प्री-पेमेंट चार्ज के जरिए लोन में आंशिक भुगतान कर पाएं। इसके जरिए आप ईएमआई या फिर लोन की अवधि में कमी ला सकते हैं।