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जल्द मिलने लगेंगे मेड-इन-इंडिया लैपटॉप व पीसी, ये 23 कंपनियां पहले दिन से मैन्यूफैक्चरिंग शुरू करने के लिए हैं तैयार

मोबाइल फोन विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने आईटी हार्डवेयर के लिए नए पीएलआई के तहत विनिर्माण के लिए कुल 27 कंपनियों को मंजूरी दी है। योजना के तहत सभी कंपनियां चरणबद्ध तरीके से आईटी हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग में 3000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। चुनी गई कंपनियों में डेल एचपी फ्लेक्सट्रॉनिक्स और फॉक्सकॉन जैसे नाम शामिल हैं।

By AgencyEdited By: Gaurav KumarUpdated: Sat, 18 Nov 2023 09:30 PM (IST)
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कुल 27 में से 23 यानी 95 प्रतिशत कंपनियां पहले दिन से मैन्यूफैक्चरिंग के लिए तैयार हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। मोबाइल फोन मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़ी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की सफलता के बाद केंद्र सरकार ने आईटी हार्डवेयर से जुड़ी नई पीएलआई के तहत कुल 27 कंपनियां को उत्पादन की मंजूरी दे दी है।

भारत में बनेंगे लैपटॉप और पीसी

आईटी हार्डवेयर पीएलआई 2.0 के तहत लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) टैबलेट, आल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा स्मॉल फार्म फैक्टर डिवाइस का घरेलू स्तर पर उत्पादन किया जाएगा। इसके साथ ही मेड-इन-इंडिया लैपटॉप, पीसी की मैन्यूफैक्चरिंग का रास्ता साफ हो गया है।

23 कंपनियां पहले दिन से मैन्यूफैक्चरिंग शुरू करने के लिए तैयार

केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को चयनित कंपनियों के नामों की घोषणा करते हुए कहा कि कुल 27 में से 23 यानी 95 प्रतिशत कंपनियां पहले दिन से मैन्यूफैक्चरिंग के लिए तैयार हैं। वहीं, शेष चार कंपनियां 90 दिनों के अंदर मैन्यूफैक्चरिंग शुरू कर देंगी।

उन्होंने बताया कि योजना के तहत सभी कंपनियां आईटी हार्डवेयर मैन्यूफैक्चरिंग पर चरणबद्ध तरीके से तीन हजार करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। चयनित कंपनियों में डेल, एचपी, फ्लैक्स्ट्रानिक्स और फाक्सकान जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं।

सूची में कुछ बड़ी कंपनियों के नाम शामिल न होने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोग मूल्यांकन कर रहे हैं और अपनी योजनाएं बना रहे हैं। यह सिर्फ समय का सवाल है। हालांकि, उन्होंने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया। चयनितों में घरेलू और वैश्विक कंपनियां शामिल हैं।

भारत खुद को मैन्यूफैक्चरिंग पावरहाउस के रूप में कर रहा है स्थापित

सरकार ने इस योजना को ऐसे समय में मंजूरी दी है, जब भारत दिग्गज वैश्विक हार्डवेयर निर्माता कंपनियों को नीतिगत और अन्य प्रोत्साहन योजना के जरिये लुभा रहा है और खुद को हाई-टेक मैन्यूफैक्चरिंग के लिए वैश्विक पावरहाउस के रूप में स्थापित करने के लिए प्रयास कर रहा है।

सरकार ने इसी वर्ष दी थी नई पीएलआई को मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने आईटी हार्डवेयर के लिए इसी वर्ष 17 मई को पीएलआई 2.0 को मंजूरी दी थी। योजना के तहत मैन्यूफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों को 17 हजार करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा। यह योजना कुल छह वर्षों के लिए होगी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि योजना के तहत 3.5 लाख करोड़ रुपये के उत्पादों की मैन्यूफैक्चरिंग की जाएगी।

दो लाख लोगों को मिल सकता है रोजगार

इससे कुल दो लाख लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है। इसमें 50 हजार को प्रत्यक्ष और 1.5 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। योजना के तहत बनने वाले उत्पादों की घरेलू बाजार में बिक्री के साथ निर्यात भी किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह योजना हमें पीसी, सर्वर, लैपटॉप और टैबलेट की मैन्यूफैक्चरिंग में एक बड़ी ताकत बनने के लिए तैयार करेगी।

यह कंपनियां करेंगी उत्पादन

डेल इंटरनेशनल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, राइजिंग स्टार्स हाई-टेक प्राइवेट लिमिटेड, एचपी इंडिया, फ्लैक्ट्रानिक्स टेक्नोलाजीज, पैजेट इलेक्ट्रानिक्स, सोजो मैन्यूफैक्चरिंग सर्विसेज, वीवीडीएन टेक्नोलाजीज, गुडवर्थ इलेक्ट्रानिक्स, नियोलिंक टेली कम्युनिकेशंस, सिरमा एसजीएस टेक्नोलाजी, भागवती प्रोडक्ट्स लिमिटेड, नेटवेब टेक्नोलाजीज, जीनस इलेक्ट्रोटेक, सहसरा इलेक्ट्रानिक्स साल्यूशंस, हेंगसाइन टेक्नोसाफ्ट, रायट लैब्ज, स्माइल इलेक्ट्रानिक्स, मेगा नेटव‌र्क्स, प्लमेज साल्यूशंस, एचएलबीएस टेक, पनाश डिजिलाइफ, आरडीपी वर्कस्टेशंस, केनैस इलेक्ट्रानिक्स मैन्यूफैक्चरिंग, आईएनपी टेक्नोलाजीज, आप्टिमस टेलीकम्युनिकेशंस, आईटीआई लिमिटेड और सनक्राफ्ट इंडस्ट्रीज शामिल हैं।