जून में सेंसेक्स और निफ्टी का जादुई प्रदर्शन, मालामाल हुए निवेशक
जून में सेंसेक्स में 6.9 प्रतिशत और निफ्टी में 6.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही है। यह इस वर्ष किसी एक महीने में सबसे अधिक वृद्धि है। 31 मई को सेंसेक्स 73961.31 अंक पर बंद हुआ था जो 28 जून को 79032.73 पर बंद हुआ है। एनएसई का निफ्टी 31 मई को 22530.70 अंक पर बंद हुआ था जो 28 जून को 24 हजार के स्तर के पार बंद हुआ है।
जेएनएन, नई दिल्ली। देश के दोनों प्रमुख सूचकांक- सेंसेक्स और निफ्टी शुक्रवार को भले ही रिकार्ड स्तर से गिरकर बंद हुए। लेकिन जून में इन दोनों सूचकांकों का प्रदर्शन 2024 में सबसे बेहतर रहा है। इसका प्रमुख कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिर से सत्ता में लौटना और विदेशी निवेश की घरेलू बाजारों में वापसी है। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 210.45 अंक गिरकर 79,032.73 पर बंद हुआ। इसी तरह एनएसई का निफ्टी 33.90 अंक गिरकर 24,010.60 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान दोनों सूचकांक करीब आधा प्रतिशत बढ़कर नए रिकार्ड स्तर तक पहुंचे थे।
डेटा के अनुसार, जून में सेंसेक्स में 6.9 प्रतिशत और निफ्टी में 6.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही है। यह इस वर्ष किसी एक महीने में सबसे अधिक वृद्धि है। मई के अंतिम कारोबारी दिवस यानी 31 मई को सेंसेक्स 73,961.31 अंक पर बंद हुआ था, जो 28 जून को 79,032.73 पर बंद हुआ है। इसी तरह, एनएसई का निफ्टी 31 मई को 22,530.70 अंक पर बंद हुआ था, जो 28 जून को 24 हजार के स्तर के पार बंद हुआ है।
विदेशी निवेशकों की मार्केट में वापसी
सैमको सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख अपूर्वा सेठ का कहना है कि निश्चित रूप से चुनाव परिणाम घोषित होने के दिन के प्रदर्शन के बाद निवेशकों के लिहाज से इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। चार जून को चुनाव परिणामों के दौरान बाजार में छह प्रतिशत तक की गिरावट हुई थी, जो बीते चार से अधिक वर्षों का सबसे खराब सत्र रहा था।चार जून के बाद भारतीय बाजारों की वापसी में विदेशी निवेश का भी बड़ा योगदान है। लगातार दो महीने तक बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जून में भारतीय बाजारों में 2.3 अरब डालर के शेयरों की खरीदारी की है। जून में रिलायंस इंडस्ट्रीज में नौ प्रतिशत और आइटी सूचकांक में 12 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी रही है।
31 मई को बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4,12,12,881.14 लाख करोड़ रुपये था। 28 जून को यह बढ़कर 4,39,24,743.63 करोड़ रुपये हो गया है। इस प्रकार जून के दौरान निवेशकों की संपत्ति में करीब 27 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है।