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मानकों पर खरे न उतरने वाले फुटवियर की देश में बंद होगी बिक्री, खराब प्रोडक्शन पर ऐसे लगेगी लगाम

गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) से फुटवियर उत्पादों का घरेलू उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ खराब उत्पादों के आयात पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा। इनके निर्माण में प्रयोग होने वाले चमड़े पीवीसी एवं रबड़ जैसे कच्चे माल के अलावा सोल एवं हील की गुणवत्ता के मानक भी तय किए गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Rammohan MishraUpdated: Mon, 19 Jun 2023 09:07 PM (IST)
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Mandatory footwear quality standards to come into force from July 1
नई दिल्ली, जेएनएन। फुटवियर की गुणवत्ता से अब कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस क्षेत्र की निर्माता कंपनियों एवं आयातकों को एक जुलाई से फुटवियर के 24 उत्पादों के लिए गुणवत्ता नियंत्रण मानकों का अनुपालन अनिवार्य कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने इसके लिए फुटवियर मानक तय किए हैं, जिनके आधार पर जूते-चप्पल बनाए एवं बेचे जाएंगे।

इससे साफ है कि मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले जूते-चप्पलों की अब देश में बिक्री नहीं होगी। देश में फुटवियर का कारोबार लगभग 80 हजार करोड़ रुपये का है। माना जा रहा कि इससे चीन जैसे देशों से खराब गुणवत्ता वाले फुटवियर के आयात पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।

50 करोड़ से अधिक टर्नओवर वालों के लिए नियम

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने सोमवार को प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि अभी यह मानक बड़े एवं मध्यम स्तर के निर्माताओं एवं आयातकों के लिए ही प्रभावी होगा। इसके तहत वैसे निर्माता आएंगे जिनका टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से ज्यादा है। पहली जनवरी 2024 से छोटे स्तर के निर्माताओं को भी अनुपालन करना जरूरी होगा। इसके दायरे में 50 करोड़ से कम और पांच करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले निर्माताओं को लाया गया है।

इसी तरह पांच करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले निर्माताओं को अगले वर्ष एक जुलाई से गुणवत्ता मानकों का पालन करना होगा।प्रमोद कुमार तिवारी ने बताया कि मानकों के अनुपालन की समय सीमा अब आगे नहीं बढ़ाई जाएगी। इसे वर्ष 2020 के अक्टूबर महीने से ही लागू करना था, लेकिन कई बार तिथि आगे बढ़ाई जाती रही। इस बार भी आगे बढ़ाने की मांग की जा रही थी, किंतु सरकार ने अंतिम तौर पर इसे प्रभावी करने का फैसला कर लिया।

खराब प्रोडक्शन पर लगेगी लगाम

उन्होंने कहा कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) से फुटवियर उत्पादों का घरेलू उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ खराब उत्पादों के आयात पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा। फुटवियर के मानकों के बारे में बताया गया कि निर्माण में प्रयोग होने वाले चमड़े, पीवीसी एवं रबड़ जैसे कच्चे माल के अलावा सोल एवं हील की गुणवत्ता के मानक भी तय किए गए हैं।

रबर गम बूट, पीवीसी सैंडल, हवाई चप्पल, स्पोर्ट शूज एवं दंगा-रोधी जूते आदि उत्पादों पर लागू होंगे।तिवारी ने बताया कि गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ) के दायरे में रखे गए शेष 27 फुटवियर उत्पादों को भी अगले छह महीनों में मानकों के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी कुल 470 उत्पाद गुणवत्ता मानक के दायरे में हैं। अन्य छह सौ उत्पादों को भी लाने पर विचार किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि बीआईएस ने सार्वजनिक काल सुविधा भी प्रारंभ की है। यह सभी कार्य दिवसों में सुबह 10 से 11 बजे तक सक्रिय रहेगी। इसके जरिए कोई भी अपना सुझाव या शिकायत भेज सकता है। बातचीत रिकार्ड की जाएगी। 90 दिनों के भीतर समाधान होगा। उपभोक्ताओं को जोड़ने के लिए बीआईएस की वेबसाइट पर आनलाइन मंच 'मानक रथ' शुरू किया गया है। इसपर उपभोक्ता अपने विचार रख सकते हैं।