Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

जीएसटी के कारण महंगा न हो बिस्कुट, मैन्युफैक्चरर्स ने की काउंसिल से मुलाकात

बिस्किट बनाने वाली कंपनियों ने जीएसटी काउंसिल से मांग की है कि बिस्किट इंडस्ट्री को टैक्स के सबसे निचले स्लैब में रखा जाना चाहिए।

By Shubham ShankdharEdited By: Updated: Sun, 09 Apr 2017 01:45 PM (IST)
Hero Image
जीएसटी के कारण महंगा न हो बिस्कुट, मैन्युफैक्चरर्स ने की काउंसिल से मुलाकात

नई दिल्ली (एजेंसी): भारत में एक अच्छी खासी तादात का पसंदीदा पैक्ड फूड बिस्कुट जीएसटी कानून के कारण महंगा हो सकता है। यह महंगा न हो इसके लिए मैन्युफैक्चरर (बिस्कुट निर्माताओं) ने जीएसटी काउंसिल से मुलाकात की है।

बिस्किट बनाने वाली कंपनियों ने जीएसटी काउंसिल से मांग की है कि जीएसटी सिस्टम में बिस्किट इंडस्ट्री को टैक्स के सबसे निचले स्लैब में रखा जाना चाहिए। बिस्किट इंडस्ट्री का कहना है कि अगर जीएसटी के कारण दाम बढ़ते हैं तो इससे हर किसी के जीवन पर असर पड़ेगा। भारत में बिस्किट 85 फीसद से ज्यादा घरों में खाए जाते हैं।

फेडरेशन ऑफ बिस्किट मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इंडिया (FBMI) ने जीएसटी काउंसिल से अपील की है कि व्यापक कंजंप्शन को ध्यान में रखते हुए बिस्किट को जीएसटी के सबसे नीचे के स्लैब में रखा जाना चाहिए। एफबीआईएम के मुताबिक सभी बिस्किट्स को जीएसटी के न्यूनतम टैक्स स्लैब में रखना सरकार की अन्य अच्छी नीतिगत पहलों के हिसाब से ही होगा। संगठन ने बताया कि भारत में बिस्किट इंडस्ट्री 37,500 करोड़ की है और नोटबंदी का इंडस्ट्री पर सही असर नहीं पड़ा था।

गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी सिस्टम के लिए चार स्तरीय कर स्लैब रखा है। काउंसिल ने इसके लिए 5, 12, 18 और 28 फीसद के टैक्स स्लैब को अंतिम रूप दिया है। सरकार जीएसटी को 1 जुलाई से लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध है।