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Manufacturing PMI: अगस्त में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर में नरमी रही

पीएमआई के तहत 50 से ऊपर होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है। एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा कि अगस्त में भारतीय मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में विस्तार जारी रहा है। हालांकि विस्तार की गति थोड़ी धीमी रही। नए ठेकों और उत्पादन में मुख्य रुझान देखने को मिला।

By Agency Edited By: Yogesh Singh Updated: Mon, 02 Sep 2024 07:54 PM (IST)
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पीएमआई के तहत 50 से ऊपर होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार

पीटीआई, नई दिल्ली। अगस्त के दौरान मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की वृद्धि दर में नरमी रही है। इसका कारण उत्पादन व बिक्री में जनवरी के बाद से सबसे कम बढ़ोतरी और प्रतिस्पर्धा दबाव रहा है। एचएसबीसी इंडिया के मासिक सर्वे में यह बात कही गई है। सर्वे के अनुसार, अगस्त में परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 57.5 रहा है जो इसी वर्ष जुलाई में 58.1 था।

पीएमआई के तहत 50 से ऊपर होने का मतलब उत्पादन गतिविधियों में विस्तार, जबकि 50 से नीचे का आंकड़ा गिरावट को दर्शाता है। एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा कि अगस्त में भारतीय मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में विस्तार जारी रहा है। हालांकि, विस्तार की गति थोड़ी धीमी रही। नए ठेकों और उत्पादन में मुख्य रुझान देखने को मिला। इस दौरान कुछ कारोबारियों ने मंदी के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा को एक मुख्य वजह बताया है।

सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में नए कारोबार में तेजी से वृद्धि हुई, लेकिन विस्तार की गति सात महीने के निचले स्तर पर आ गई। इसी तरह, नए निर्यात आर्डर कैलेंडर वर्ष 2024 की शुरुआत के बाद से सबसे कम गति से बढ़े। कीमतों के मोर्चे पर, वस्तु उत्पादकों को अगस्त के दौरान लागत दबाव में कमी से लाभ हुआ है।

कारोबारी आत्मविश्वास में कमी आई है जो अप्रैल 2023 के बाद से सबसे कम निचले स्तर पर है। भंडारी ने कहा कि प्रतिस्पर्धी दबावों और महंगाई संबंधी चिंताओं के कारण अगस्त में वर्ष के लिए कारोबारी दृष्टिकोण में थोड़ी नरमी आई है।