विश्व के कई देशों ने अपनाया भारत का UPI, इन बिंदुओं से समझें डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म की सफलता का फॉर्मूला
भारत में डिजिटल पेमेंट के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले UPI को आज विश्व के कई देश अपनाना चाहते हैं। इसने अपने शुरुआती दिनों से ही डिजिटल पेमेंट के मामले में नया इतिहास रचना शुरू कर दिया था।
By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Mon, 10 Apr 2023 06:04 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। आज के समय में UPI लोगों के लिए लेन-देन का सबसे आसान और भरोसेमंद ऑप्शन है, लेकिन भारत में इसकी शुरुआत करने के बारे में सोचा तो, यहां कितना कामयाब हो सकेगा इसका कोई भरोसा नहीं था। हर किसी को इस पर संदेह था।
सबसे बड़ा सवाल यह था कि कम पढ़े-लिखे लोग, कम इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले और पिछड़े इलाकों में इसे कैसे सफल बनाया जाएगा। यहां तक कि देश के बड़े-बड़े अधिकारियों और मंत्रियों को भी इस प्रक्रिया पर भरोसा नहीं था।
साल 2016 में लॉन्च किया गया UPI
हालांकि, इस सब चुनौतियों के बाद भी वित्त मंत्रालय के विभाग नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 11 अप्रैल, 2016 को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) जैसे एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। आज यह विश्व का सबसे भरोसेमंद ऑनलाइन मनी ट्रांसफर का ऐप बन गया है, जिसे आज विश्व के कई देश अपने देश के पेमेंट ऐप के साथ जोड़ना चाहते हैं। आज के समय में UPI डिजिटल पेमेंट के मामले में रोज एक नया इतिहास रचने की ओर बढ़ने लगा है।डिजिटल पेमेंट के मामले में टॉप पर भारत
इस प्लेटफॉर्म की वजह से आज देश में मोबाइल नंबर के जरिए डिजिटल लेन-देन करना इतना आसान बन चुका है, जिसको कभी एक बड़ी चुनौती की तरह देखा जाता था। लेन-देन में सबसे बड़े प्लेटफॉर्म UPI के उपयोग ने भुगतान की प्रक्रिया के लिए भारत को वर्तमान में सबसे टॉप देश बना दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2022 में हर सेकेंड यूपीआई के 2348 ट्रांजेक्शन हुए हैं।
बहुत से देश UPI को अपनाने के लिए तैयार
देश की केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सम्मेलन के दौरान दावे के साथ कहा था कि आज के समय में विश्व के कई देश UPI प्लेटफॉर्म को अपने देश के पेमेंट टेक्नोलॉजी के साथ जोड़ना चाहते हैं। साथ ही, उन्होंने बताया था कि एनपीसीआई इन दिनों UPI को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे बेहतरीन पेमेंट प्लेटफॉर्म बनाने के लिए अन्य देशों से जुड़कर उनकी मदद कर रहा है।वर्तमान के डिजिटल लेन-देन के आंकड़ों को देखते हुए कहा जा सकता है कि आने वाले पांच सालों में UPI का लक्ष्य प्रति दिन 1 बिलियन लेन-देन को पार करना है।
उत्तर और दक्षिण एशिया के देशों के साथ समझौता
सितंबर 2021 में, एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) ने लिक्विड ग्रुप के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के जरिए उत्तर और दक्षिण एशिया के 12 देशों में यूपीआई भुगतान की सुविधाजनक हो गया था। इस समझौते से यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले समय में यूपीआई की जरूरत और मांग तेजी से बढ़ सकती है।इन देशों में होता है UPI का इस्तेमाल
तारीख | देश | साझेदार इकाईयां |
जुलाई, 2021 | भूटान | रॉयल मोनेटरी अथॉरिटी ऑफ भूटान |
सितंबर, 2021 | सिंगापुर | मोनेटरी अथोरिटी ऑफ सिंगापुर, PayNow |
अगस्त, 2021 | मलेशिया | मर्चेंटट्रेड एशिया |
सितंबर, 2021 | सिंगापुर, मलेशिया, थाइलैंड, फिलिपिन्स, वियतनाम, कंबोडिया, हॉन्ग कॉन्ग, ताइवान, साउथ कोरिया, जापान | लिक्विड ग्रुप |
नवंबर, 2021 | यूएई | नेटवर्क इंटरनेशनल (NI) |
फरवरी, 2022 | नेपाल | गेटवे पेमेंट्स सर्विस (GPS), मनम इन्फोटेक |
अप्रैल-अगस्त, 2022 | यूएई | लुलु फाइनेंशियल, NEOPAY (मशरेक बैंक) |
जून, 2022 | फ्रांस | लायरा नेटवर्क |
अगस्त-सितंबर, 2022 | यूनाइटेड किंगडम | टेरापे (Terrapay), PayXpert |
अक्टूबर, 2022 | नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, स्विट्जरलैंड | वर्ल्डलाइन |
अक्टूबर 2022 | ओमान | सेंट्र्ल बैंक ऑफ ओमान |