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न इंटरनेट कनेक्टिविटी और न ही लैब फिर भी चल रही हैं कई ई- मंडियां

देश के कई हिस्सों ई मंडियां बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी के चल रही हैं

By Surbhi JainEdited By: Updated: Thu, 06 Jul 2017 10:50 AM (IST)
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न इंटरनेट कनेक्टिविटी और न ही लैब फिर भी चल रही हैं कई ई- मंडियां

नई दिल्ली (सुरेंद्र प्रसाद सिंह)। न गेट पर कंप्यूटर, न मंडी में इंटरनेट कनेक्टिविटी और कई जगहों पर लैब तक नहीं, फिर भी कई राज्यों में ई-नाम (इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) धड़ल्ले से चल रहे हैं। ई-मंडी के नाम से जाने जा रहे इन राष्ट्रीय कृषि बाजारों के लिए केंद्र से अच्छा-खासा अनुदान मिल रहा है। इसके बावजूद इनकी कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में है। इस मामले में उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य सबसे आगे हैं। इलेक्ट्रॉनिक कारोबार के लिए बुनियादी ढांचा तैयार किए बगैर चल रही इन ई-मंडियों को लेकर केंद्र सरकार ने सख्त नाराजगी जताई है।

कृषि मंत्रालय की ओर से आयोजित समीक्षा बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने राज्यों की सभी मंडियों के कामकाज का ब्योरा देखकर हैरानी जताई। अब तक 13 राज्यों की 455 मंडियों को ई-नाम में हिस्सा लेने की मंजूरी दे दी गई है। पिछले साल 14 अप्रैल को मोदी ने ई-ट्रेडिंग प्लेटफार्म के रूप में ई-नाम की शुरुआत की थी। इस योजना में 13 राज्यों ने हिस्सा लिया। इनमें कारोबार भी हुआ, व्यापारियों, कमीशन एजेंट और किसानों ने बढ़ चढ़कर पंजीकरण भी कराया।

सालभर के कामकाज की समीक्षा से पहले कृषि मंत्रालय ने नीति आयोग से इन मंडियों की एक समीक्षात्मक रिपोर्ट तैयार कराई। रिपोर्ट में गिनाई गई तमाम खामियों की पुष्टि के लिए मंत्रालय ने अफसरों की टीम भी मौके पर भेजी। इसी रिपोर्ट के आधार पर कृषि मंत्री ने एक-एक मंडी की गहन समीक्षा की। बैठक में कहा गया कि तमाम ऐसी मंडियां हैं, जिनके प्रवेश गेट पर कंप्यूटर नहीं है और जिंसों की क्वॉलिटी जांचने के लिए लैब नहीं है। इनके पास कुशल मानव संसाधनों का सख्त अभाव है। इनमें कारोबार तो होता है, लेकिन मैनुअली होता है, जिसे शाम तक कंप्यूटर में भरकर ऑनलाइन कारोबार के रूप में दिखा दिया जाता है।

छत्तीसगढ़ में हो रहा शानदार काम
समीक्षा बैठक के बाद कृषि मंत्री सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की ई-मंडियों में शानदार काम हो रहा है। इन राज्यों में अंतर मंडी कारोबार भी शुरू किया जा रहा है। बाकी राज्यों में भी काम चल रहा है। लेकिन गति धीमी है। सभी राज्यों को इस दिशा में तेजी से काम करने को कहा गया है। अकेले उत्तर प्रदेश में एक सौ मंडियों को ई-मंडी बनाने का फैसला लिया गया। पिछली सरकार के कार्यकाल में कुछ प्रगति नहीं हो पाई।