RBI से आंख मूंदकर कर्ज ले रहे कई राज्य, महंगा होने के बावजूद केंद्रीय बैंक से पैसे की मांग
ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ राज्य आमतौर पर नहीं उठाना पसंद करते हैं क्योंकि इस पर ज्यादा ब्याज देना पड़ता है। इसके बावजू राज्य यह सुविधा ले रहे हैं। कई राज्य तो वित्तीय चुनौतियों के बावजूद कर्ज नहीं ले रहे हैं।
By Jagran NewsEdited By: Siddharth PriyadarshiUpdated: Fri, 21 Oct 2022 07:31 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: कोरोना के बाद कुछ राज्यों की वित्तीय स्थिति जरूर डगमगाई थी। लेकिन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब और राजस्थान जिस तरह आरबीआइ की स्पेशल ड्राइंग फैसिलिटी (एसडीएफ- इसके तहत प्रतिभूतियों को बंधक रखकर राज्यों को विशेष कार्य के लिए कर्ज दी जाती है) का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह सवाल खड़ा कर रहे हैं।
सामान्य तौर एसडीएफ का इस्तेमाल पहले राज्य कभी-कभार आपातकालीन परिस्थितियों में ही करते रहे हैं, लेकिन चालू वित्त वर्ष के दौरान इन चारों राज्यों ने इसका कुछ ज्यादा ही फायदा उठाया है। बैंक ऑफ बड़ौदा की शोध विभाग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इन राज्यों का यह तरीका इनके वित्तीय संतुलन के लिए आगे चल कर बड़ी चुनौती बन सकती है। खासतौर पर तब जब रेपो रेट बढ़ने की वजह से एसडीएफ के तहत भी कर्ज लेना महंगा हो रहा है।
ये राज्य कर रहे हैं इस्तेमाल
पंजाब की वित्तीय स्थिति को लेकर पहले से ही कई तरह के सवाल उठ रहे हैं, जबकि तेलंगाना में अगले वर्ष और आंध्र प्रदेश तथा राजस्थान में 2024 की शुरूआत में चुनाव होने हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र, असम, कर्नाटक व केरल ने भी इसका इस्तेमाल किया है लेकिन उन्होंने कम अवधि के लिए ऐसा किया है। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना ने ओवरड्राफ्ट सुविधा का भी इस्तेमाल किया है।ओवरड्राफ्ट की सुविधा का लाभ राज्य आमतौर पर नहीं उठाना पसंद करते हैं, क्योंकि इस पर ज्यादा ब्याज देना पड़ता है। इसके बावजूद उक्त दोनों राज्य यह सुविधा ले रहे हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि कई राज्य वित्तीय चुनौतियों के बावजूद उक्त सुविधाओं के तहत कर्ज नहीं ले रहे हैं। इसमें गुजरात, बिहार और तमिलनाडु का खास तौर पर नाम लिया गया है।
क्यों कर्ज लेते हैं बैंक
बिहार ने तो वर्ष 2017 के बाद आरबीआइ की किसी नकद प्रबंधन सुविधा का इस्तेमाल नहीं किया है। बिहार के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अपने राजस्व, केंद्र से मिलने वाले हिस्सा और बाजार से ली गई उधारी से ही काम चला लेता है। बार बार कोई राज्य अगर आरबीआइ की नकद प्रबंधन सुविधा के तहत कर्ज लेता है तो इससे उसके खराब वित्तीय प्रबंधन का पता चलता है।