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आठ कंपनियों का मार्केट कैप 2.08 लाख करोड़ घटा, रिलायंस-टीसीएस को सबसे ज्यादा नुकसान

रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 67792.23 करोड़ रुपये घटकर 1934717.12 करोड़ रुपये हो गई। वहीं टीसीएस का मार्केट कैप 65577.84 करोड़ रुपये घटकर 1327657.21 करोड़ रुपये हो गया। जिन दो कंपनियों के मार्केट कैप में बढ़ोतरी हुई है वह एसबीआई और एचडीएफसी बैंक हैं। HDFC बैंक का मार्केट कैप 10954 करोड़ रुपये बढ़कर 11.64 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sun, 02 Jun 2024 07:48 PM (IST)
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HDFC बैंक का मार्केट कैप 10,954 करोड़ रुपये बढ़कर 11.64 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले सप्ताह 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से आठ का बाजार पूंजीकरण 2.08 लाख करोड़ रुपये घट गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस और इन्फोसिस को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 67,792.23 करोड़ रुपये घटकर 19,34,717.12 करोड़ रुपये हो गई।

वहीं टीसीएस का मार्केट कैप 65,577.84 करोड़ रुपये घटकर 13,27,657.21 करोड़ रुपये हो गया। जिन दो कंपनियों के मार्केट कैप में बढ़ोतरी हुई है, वह एसबीआई और एचडीएफसी बैंक हैं। HDFC बैंक का मार्केट कैप 10,954 करोड़ रुपये बढ़कर 11.64 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वहीं SBI का मार्केट कैप 1,338 करोड़ रुपये बढ़कर 7.40 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

पिछले हफ्ते सेंसेक्स 2 गिरा

पिछले कारोबारी हफ्ते सेंसेक्स में 2 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। निफ्टी भी 1.98 प्रतिशत फिसला था। वहीं हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी 31 मई को शेयर मार्केट में तेजी आई थी। सेंसेक्स 75 अंक की तेजी के साथ 73,961 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं, निफ्टी में 42 अंक का उछाल दिखा था। यह 22,530 के स्तर पर बंद हुआ था। हालांकि, इस हफ्ते शेयर मार्केट में तेजी आने की उम्मीद है।

क्या होता है बाजार पूंजीकरण?

मार्केट कैपिटलाइजेशन किसी भी कंपनी के आउटस्टैंडिंग शेयरों का मूल्य बताता है। जैसे-जैसे शेयर की खरीद और बिक्री होती है, कंपनी का मार्केट कैप भी घटता या बढ़ता रहता है। मार्केट कैप से कंपनी के शेयर से मिलने वाले रिटर्न और उससे जुड़े जोखिम का अंदाजा लगाया जा सकता है।

मार्केट कैप का इस्तेमाल कंपनियों के शेयरों को श्रेणीबद्ध करने के लिए किया जाता है। इससे निवेशकों को रिस्क प्रोफाइल के अनुसार कंपनियां चुनने में मदद मिलती है। जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां। म्यूचुअल फंड भी इसी हिसाब से निवेश करते हैं।

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