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Sebi Study: शादीशुदा ट्रेडर्स इंट्राडे ट्रेडिंग में कमा रहे ज्यादा लाभ, क्या है इसका राज?

शादीशुदा ट्रेडर्स ने गैर शादीशुदा ट्रेडर्स की तुलना में काफी अधिक संख्या में सौदे किए। यह उनके बाजार में सहभागिता और गतिविधि को दर्शाता है। सेबी के विश्लेषण का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू पुरुष और महिला ट्रेडर्स के बीच तुलना है। अध्ययन से पता चला कि लाभ कमाने वाली महिला ट्रेडर्स का अनुपात पुरुषों की तुलना में ज्यादा है। यह निष्कर्ष महिला निवेशकों के व्यापार कौशल को बताता है।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Fri, 26 Jul 2024 09:00 PM (IST)
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10 में से 7 व्यक्तिगत इंट्राडे ट्रेडर्स को वित्त वर्ष 2022-23 में घाटा हुआ है

पीटीआई, नई दिल्ली। इक्विटी कैश सेगमेंट में विवाहित इंट्राडे ट्रेडर्स को गैर शादीशुदा की तुलना में ज्यादा लाभ हुआ है। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने तीन वित्त वर्ष 2018-19, 2021-22 और 2022-23 का अध्ययन किया, जिससे यह पता चलता है कि गैर शादीशुदा ट्रेडर्स की तुलना में विवाहित ट्रेडर्स कम घाटे में रहे। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान गैर शादीशुदा ट्रेडर्स के घाटे में रहने वालों की संख्या 75 प्रतिशत थी जबकि इस तरह के शादीशुदा ट्रेडर्स की संख्या 67 प्रतिशत थी।

महिला ट्रेडर्स को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा लाभ

इसके अतिरिक्त शादीशुदा ट्रेडर्स ने गैर शादीशुदा ट्रेडर्स की तुलना में काफी अधिक संख्या में सौदे किए। यह उनके बाजार में सहभागिता और गतिविधि को दर्शाता है। सेबी के विश्लेषण का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू पुरुष और महिला ट्रेडर्स के बीच तुलना है। अध्ययन से पता चला कि लाभ कमाने वाली महिला ट्रेडर्स का अनुपात पुरुषों की तुलना में ज्यादा है। यह निष्कर्ष महिला निवेशकों के व्यापार कौशल को बताता है।

अध्ययन में कहा गया, 'तीन सालों में महिला ट्रेडर्स के समूह में लाभ कमाने वालों का अनुपात पुरुष ट्रेडर्स के समूह की तुलना में अधिक था।' वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, एक करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक इंट्राडे टर्नओवर वाले पुरुष व्यापारियों को औसतन 38,570 रुपये का घाटा हुआ, जबकि महिला व्यापारियों को औसतन 22,153 रुपये का घाटा हुआ। दिलचस्प तथ्य यह है कि इंट्रा डे ट्रेडर्स की संख्या के हिसाब से महिला व्यापारियों का अनुपात वित्त वर्ष 2022-23 में घटकर 16 प्रतिशत रह गया, जो वित्त वर्ष 2018-19 में 20 प्रतिशत था।

60 साल के ऊपर के ट्रेडर्स को सबसे कम नुकसान

अपने अध्ययन में सेबी ने यह भी पाया कि आयु वर्ग जितना कम होगा, नुकसान उठाने वालों का अनुपात उतना ही अधिक होगा। वित्त वर्ष 2022-23 में, 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के व्यापारियों में सबसे कम नुकसान उठाने वाले 53 प्रतिशत थे, जबकि 20 वर्ष से कम आयु के ट्रेडर्स में नुकसान उठाने वालों का अनुपात सबसे अधिक 81 प्रतिशत था।

सेबी के एक अध्ययन से यह भी पता चलता है कि इक्विटी कैश सेगमेंट में 10 में से 7 व्यक्तिगत इंट्राडे ट्रेडर्स को वित्त वर्ष 2022-23 में घाटा हुआ है। इसके साथ ही अध्ययन से यह भी पता चला है कि 2018-19 की तुलना में 2022-23 में इक्विटी कैश सेगमेंट में इंट्रा-डे ट्रेडिंग में हिस्सा लेने वाले व्यक्तियों की संख्या में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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