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SMG में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए SMC को प्रेफरेंशियल शेयर जारी करेगी मारुति, बोर्ड से मिली मंजूरी

Maruti Suzuki India के बोर्ड की ओर से सुजुकी मोटर्स कॉरपोरेशन (SMC) से सुजुकी मोटर्स गुजरात में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के बदले में प्रेफरेंशियल शेयर जारी करने को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि इसकी वैल्यूएशन पर फैसला आने वाली बोर्ड बैठक में किया जाएगा। कंपनी की ओर से ये जानकारी एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई। (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Tue, 08 Aug 2023 01:39 PM (IST)
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मारुति सुजुकी इंडिया की ओर से मारुति सुजुकी गुजरात में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया गया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मारुति सुजुकी इंडिया के बोर्ड की ओर से मंगलवार को सुजुकी मोटर गुजरात में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन (SMC) को प्रेफरेंशियल शेयर जारी करने की मंजूरी दे दी गई है। हाल ही में मारुति सुजुकी इंडिया द्वारा एसएमसी से सुजुकी मोटर गुजरात में पूरी हिस्सेदारी अधिग्रहण का एलान किया गया था।

कंपनी की ओर से एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी गई कि इस अधिग्रहण के बाद सुजुकी मोटर गुजरात (SMG) मारुति सुजुकी इंडिया की सब्सिडियरी बन जाएगी। इसके लिए मारुति सुजुकी इंडिया के बोर्ड ने एसएमसी को प्रेफरेंशियल शेयर मंजूरी भी दे दी है।

कितने शेयर जारी किए जाएंगे?

कंपनी ने बताया है कि सुजुकी मोटर गुजरात में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के बदले सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन को कितने शेयर जारी किए जाएंगे। इसे आने वाली बोर्ड मीटिंग में तय किया जाएगा। इसका आधार वैल्यूएशन रिपोर्ट होगी।

31 जुलाई की बैठक में हुआ था अधिग्रहण का फैसला

मारुति सुजुकी इंडिया की 31 जुलाई की बोर्ड बैठक में सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन से एग्रीमेंट खत्म कर उसके सभी शेयर पेरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन से अधिग्रहण का फैसला किया गया था।

सुजुकी मोटर गुजरात, सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन की सब्सिडियरी है। इसे 2014 में स्थापित किया गया था। मौजूदा समय में कंपनी के पास 7.5 यूनिट्स की प्रोडक्शन कैपेसिटी है। गुजरात प्लांट का मालिकाना हक एमएसआई को ट्रांसफर करने की चर्चा थी, लेकिन बाद में प्लान को बदल दिया गया। एसएमसी की ओर से प्लांट को बढ़ाने के लिए 488 मिलियन डॉलर के निवेश का एलान किया गया।

कंपनी के इस प्लान का संस्थागत शेयरधारकों की ओर से विरोध किया गया और इसके बाद कंपनी को माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स के पास मंजूरी के लिए जाना पड़ा।