PhysicsWallah: 75 करोड़ की नौकरी छोड़, 5000 रुपये में शुरू किया बच्चों को पढ़ाना, अब हैं 777 करोड़ के मालिक
अलख की कंपनी आज के वक्त में इंडिया की 101 वीं यूनिकॉर्न और पहली एडटेक कंपनी है जिसमें काफी लोग पैसे लगाना चाहते हैं। पांडे की कंपनी ने वेस्टब्रिज और जीएसवी वेंचर्स से $100 मिलियन (लगभग ₹777 करोड़) जुटाए।
नई दिल्ली, टेक डेस्क। कहते हैं अगर जुनून और टैलेंट हो, तो हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। कुछ ऐसी ही कहानी है अलख पांडे की, जिन्होंने अपने सपनों के पीछे भागना बंद नहीं किया। उसी का नतीजा है कि जो शख्स कभी बच्चों को पढ़ाकर बमुश्किल 5000 रुपये की कमाई करते था, वो आज 777 करोड़ की कंपनी के मालिक बन गए हैं।
ठुकरा दिया 75 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
Live Mint की रिपोर्ट के मुताबिक अलख पांडे ने अपने मजबूत इरादों के दम पर मात्र 22 साल की उम्र में इंजीनियरिंग कॉलेज छोड़ने का निर्णय लिया और अपने गृह नगर इलाहाबाद (प्रयागराज) आ गए। उन्होंने इलाहाबाद में फिजिक्स पढ़ाने का काम शुरू किया, जिससे उन्हें शुरुआत में मात्र 5000 रुपये की मंथली कमाई होती थी। इस दौरान अलख को 75 करोड़ रुपये में Unacademy ज्वाइन करने का ऑफर मिला, लेकिन अलख पांडे ने 75 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
बनें 778 करोड़ की कंपनी के मालिक
अलख पांडे बताते हैं, तो उनका सपना फिजिक्स को बिल्कुल सरल शब्दों में बताने का था। जिससे भारत की वंचित आबादी को फिजिक्स की जानकारी मिल सके। अलख पांडे शुरुआत में यू-ट्यूब चैनल से स्टूडेंट्स को फिजिक्स पढ़ाते थे, उस वक्त अलख पांडे के मात्र 5,000 सब्सक्राइबर्स थे। लेकिन उनकी सरल फिजिक्स को जल्द खूब सराहना मिली। उसी का नतीजा है कि आज अलख पांडे के YouTube चैनल के 6.91 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं। साथ ही अलख पांडे ने एड-टेक कंपनी फिजिक्सवाला की स्थापना की, जो बेहद कम वक्त में पॉप्युलर हो गई।
बनीं भारत की पहली 101वीं यूनिकॉर्न कंपनी
अलख की कंपनी आज के वक्त में इंडिया की 101 वीं यूनिकॉर्न और पहली एडटेक कंपनी है, जिसमें काफी लोग पैसे लगाना चाहते हैं। पांडे की कंपनी ने वेस्टब्रिज और जीएसवी वेंचर्स से $100 मिलियन (लगभग ₹777 करोड़) जुटाए। जिससे कंपनी का मूल्य 1.1 बिलियन डॉलर हो गया। मौजूदा वक्त में फिजिक्सवाला में 500 शिक्षक और 90-100 तकनीकी पेशेवर समेत 1,900 लोग काम कर रहे हैं। स्टूडेंट्स को उनके सवालों के साथ मदद करने के लिए कर्मचारियों पर 200 सहयोगी प्रोफेसर भी हैं, साथ ही 200 अन्य एक्सपर्ट और टर्म पेपर मौजूद हैं।