Meta बनी भारत की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी, टॉप 10 लिस्ट में गूगल, टाटा स्काई और जियो भी शामिल
2022 की10 बड़ी मीडिया फर्मों पर नजर डालें तो मार्क जुकेरबर्ग की मेटा भारत की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी बनकर उभरी है। गूगल टाटा स्काई एयरटेल और जियो जैसी कंपनियां भी इस लिस्ट में शामिल हैं। ओटीटी रिवॉल्यूशन के बाद अब ऑनलाइन कंटेंट की भरमार है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। मेटा (Meta) अब भारत की सबसे बड़ी मीडिया कंपनी बन गई है। इसके तीन ब्रांड, फेसबुक, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम, भारतीय मीडिया व्यवसाय के नए स्तंभ बन गए हैं। यह कंपनी 161,400 करोड़ रुपये के भारतीय मीडिया इंडस्ट्री पर राज करने के अलावा डिजिटल विज्ञापन के तेजी से बढ़ रहे बाजार पर भी हावी है। बिजनेस स्टैंडर्ड ने अपनी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है।
सोनी और जी के विलय के बाद यह साझा ग्रुप शीर्ष कंपनियों की सूची में दूसरे स्थान पर है। तीसरे स्थान पर डिज्नी-हॉटस्टार काबिज है। गूगल अपने वीडियो प्लेटफॉर्म YouTube के साथ चौथे नंबर पर है। नेटफ्लिक्स भी इस लिस्ट में शामिल है। शीर्ष 10 में एक और लीड प्लेयर टाइम्स ग्रुप है। जियो इन्फो इस लिस्ट में 6वें स्थान पर है। इसके बाद टाटा स्काई और एयरटेल टीवी का नंबर आता है। सन नेटवर्क भी अपने ग्राहकों की लगातार बढ़ती संख्या के साथ टॉप 10 कंपनियों की सूची में बना हुआ है।
2012 से कितना बदला परिदृश्य
अगर 2012 के बाद 2022 तक के ट्रेंडिंग पैटर्न पर गौर करें तो शीर्ष मीडिया फर्मों की सूची में हाल के दिनों में कुछ बड़े बदलाव हुए हैं। ये रिपोर्ट बदलाव की बहुत-सी नई और आकर्षक कहानियां कहती है। ठीक एक दशक पहले 2012 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में शीर्ष 10 कंपनियों के साथ तुलना करने पर भारत में टेक कंपनियों के विकास की नई इबारत साफ नजर आती है।
2012 में टाइम्स समूह पहले स्थान पर काबिज था। घटते क्रम में देखें तो जी समूह दूसरे स्थान पर, स्टार इंडिया तीसरे और भारती एयरटेल चौथे स्थान पर था। सोनी का स्थान पांचवां था।
2021 के आंकड़े
रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में डिज्नी हॉट स्टार पहले, जी ग्रुप दूसरे, गूगल इंडिया तीसरे और टाइम्स ग्रुप चौथे स्थान पर काबिज था। सोनी और टाटा स्काई का स्थान पांचवां और छठां था।
मेटा की ऊंची छलांग
कई लोगों का तर्क है कि मेटा एक मीडिया कंपनी नहीं है। लेकिन इंटरनेट की सर्वव्यापकता ने अब मीडिया कंपनी की परिभाषा बदल दी है। ओटीटी के आगमन के बाद ऑनलाइन कंटेंट की भरमार है। आने वाले दिनों में मीडिया के बदलते रंग-रूप और कंटेंट के प्रयोगधर्मी स्वरूप को देखना और भी सुखद हो सकता है।
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