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नोकिया सौदे का असर भारत पर भी पड़ेगा

दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने जिस आक्रामक अंदाज में नोकिया का अधिग्रहण किया है उससे भारत का मोबाइल बाजार भी अछूता नहीं रहेगा। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में माइक्रोसॉफ्ट के बैनर तले नोकिया भारतीय बाजार में ज्यादा आक्रामक मार्केटिंग रणनीति अपनाएगी। माइक्रोसॉफ्ट की नइ

By Edited By: Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

नई दिल्ली, [जागरण ब्यूरो]। दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने जिस आक्रामक अंदाज में नोकिया का अधिग्रहण किया है उससे भारत का मोबाइल बाजार भी अछूता नहीं रहेगा। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में माइक्रोसॉफ्ट के बैनर तले नोकिया भारतीय बाजार में ज्यादा आक्रामक मार्केटिंग रणनीति अपनाएगी। माइक्रोसॉफ्ट की नई रणनीति सैमसंग, एप्पल के साथ ही घरेलू हैंडसेट कंपनियों के लिए नई चुनौती पैदा कर सकती है।

दूरसंचार क्षेत्र के विशेषज्ञ महेश उप्पल का कहना है कि तत्काल तो नहीं, लेकिन आने वाले दिनों में यह अधिग्रहण भारतीय बाजार पर गहरा असर डाल सकता है। माइक्रोसॉफ्ट ने मोबाइल फोन खास तौर पर स्मार्टफोन बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए ही नोकिया को खरीदा है। एप्पल और गूगल इस बाजार में काफी आगे बढ़ चुके हैं। पर्सनल कंप्यूटर बाजार सिकुड़ता जा रहा है। ऐसे में अगर स्मार्टफोन बाजार में माइक्रोसॉफ्ट को आगे बढ़ना है तो उसे भारतीय बाजार पर फोकस करना ही होगा। भारत में अभी भी स्मार्टफोन की हिस्सेदारी बहुत कम है। जाहिर है नोकिया के भारत में मौजूदा ढांचे का फायदा माइक्रोसॉफ्ट उठाने की कोशिश करेगी।

इस अधिग्रहण के बारे में नोकिया इंडिया ने कोई भी बयान देने से मना कर दिया है। नोकिया जल्द ही एक प्रेस कांफ्रेंस करने वाली थी जिसे रद कर दिया गया है। नोकिया का तमिलनाडु में बड़ा प्लांट है जहां उसने 28.5 करोड़ डॉलर का निवेश कर रखा है। इसमें हजारों लोगों को प्रत्यक्ष व परोक्ष तौर पर रोजगार मिला हुआ है। हाल के दिनों में भारतीय प्लांट में तैयार आशा सीरीज के हैंडसेट को नोकिया ने दक्षिण अमेरिका, एशिया व अफ्रीका के बाजारों में भी काफी सफलतापूर्वक उतारा है। अब यह देखना होगा कि माइक्रोसॉफ्ट इस ढांचे को लेकर क्या फैसला करती है। माइक्रोसॉप्ट की पहली वरीयता स्मार्टफोन बाजार है।

माइक्रोसॉफ्ट ने फिनलैंड की मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनी नोकिया के हैंडसेट व सेवा विभाग का अधिग्रहण 7.2 अरब डॉलर में किया है। मोबाइल फोन के क्षेत्र में हाल के महीनों में यह दूसरा बड़ा अधिग्रहण है। कुछ महीने पहले गूगल ने मोटोरोला को खरीदा था।