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A1 और A2 लेबलिंग के साथ बिकता रहेगा दूध, FSSAI ने वापस लिया अपना फैसला

फूड रेगुलेटर FSSAI का कहना है कि उसने सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया। इससे यह निष्कर्ष निकला कि लेबलिंग हटाने से उपभोक्ताओं को दिक्कत हो सकती है। ऐसे में एडवाइजरी को वापस लेने का फैसला किया गया। इसका मतलब है कि डेयरी कंपनियां A1 और A2 लेबलिंग के साथ दूध और दूध से बने उत्पाद बेचना जारी रख सकती हैं।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 26 Aug 2024 07:28 PM (IST)
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A1 और A2 गाय के दूध में पाए जाने वाले बीटा-कैसीन प्रोटीन के बारे में बताता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अब दूध और दूध से बने उत्पाद A1 और A2 लेबल के साथ बिकते रहेंगे। फूड रेगुलेटर FSSAI ने अपनी वह एडवाइजरी वापस ले ली, जिसमें डेयरी प्रोडक्ट्स पर A1 और A2 की लेबलिंग हटाने का निर्देश दिया गया था। यह लेबलिंग प्रोटीन के आधार पर गायों के दूध में अंतर बताती है। कुछ रिसर्च में A2 दूध को A1 से बेहतर बताया गया है, लेकिन इसका कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

FSSAI ने एडवाइजरी वापस क्यों ली?

फूड रेगुलेटर FSSAI का कहना है कि उसने सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया। इससे यह निष्कर्ष निकला कि लेबलिंग हटाने से उपभोक्ताओं को दिक्कत हो सकती है। ऐसे में एडवाइजरी को वापस लेने का फैसला किया गया। इसका मतलब है कि डेयरी कंपनियां A1 और A2 लेबलिंग के साथ दूध और दूध से बने उत्पाद बेचना जारी रख सकती हैं।

FSSAI ने पहले क्या कहा था?

FSSAI ने 21 अगस्त की अपनी एडवाइजरी में कहा था कि फूड बिजनेस ऑपरेटर्स (FBO) अपने प्रोडक्ट्स से 'A1 और A2' के दावों को हटा दें। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को भी इन दावों को उत्पादों और वेबसाइटों से तुरंत हटाने के लिए कहा गया था। फूड रेगुलेटर का कहना था कि 'A1' और 'A2' प्रकार के दूध और दूध उत्पादों के दावे खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं हैं।

FSSAI ने जांच के बाद पाया था कि A1 और A2 का अंतर दूध में बीटा-कैसीइन प्रोटीन की संरचना से जुड़ा हुआ है। फिलहाल FSSAI नियम इस अंतर को मान्यता नहीं देता। 21 अगस्त की एडवाइजरी में फूड रेगुलेटर ने एफबीओ को छह महीने के पुराना स्टॉक खत्म करने और लेबलिंग को आगे जारी नहीं रखने का निर्देश दिया था।

A1 और A2 दूध में क्या अंतर होता है?

A1 और A2 गाय के दूध में पाए जाने वाले बीटा-कैसीन प्रोटीन के बारे में बताता है। A1 प्रोटीन मुख्य रूप से उत्तरी यूरोप की नस्ल वाली गायों के दूध में मिलता है, जैसे कि होलस्टीन। वहीं, A2 प्रोटीन अधिकतर साहीवाल और गिर जैसी भारतीय नस्ल की गायों के दूध में मिलता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, दूध में पाया जाने वाला 80 फीसदी प्रोटीन केसीन (Casein) होता है। A1 गाय के दूध में A1 बीटा-केसीन और A2 गाय के दूध में A2 बीटा-केसीन होता है।