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MobiKwik को IPO लॉन्च के लिए मिली सेबी की इजाजत, बाजार से 1,900 करोड़ रुपए जुटाएगी कंपनी

MobiKwik अपना Initial Public Offering(IPO) लेकर आने वाली है। कंपनी के इस IPO में 1500 करोड़ रुपए के नए शेयर और ऑफर फॉर सेल के तहत 400 करोड़ के शेयरों की बिक्री शामिल है। इस बिक्री के तहत कंपनी के दो फाउंडर और मौजूदा इनवेस्टर अपनी हिस्सेदारी को बेचेंगे।

By Abhishek PoddarEdited By: Updated: Sun, 10 Oct 2021 08:04 AM (IST)
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MobiKwik जल्द ही बाजार में अपना Initial Public Offering(IPO) लेकर आने वाली है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा देने वाली कंपनी MobiKwik जल्द ही बाजार में अपना Initial Public Offering(IPO) लेकर आने वाली है। इसके लिए मोबिक्विक को बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी भी मिल गई है। कंपनी ने अपने IPO के जरिए बाजार से 1,900 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई है।

कंपनी के इस IPO में 1,500 करोड़ रुपए के नए शेयर और ऑफर फॉर सेल के तहत 400 करोड़ के शेयरों की बिक्री शामिल है। इस बिक्री के तहत कंपनी के दो फाउंडर और मौजूदा इनवेस्टर अपनी हिस्सेदारी को बेचेंगे। जिसमें सिकोइया कैपिटल, बजाज फाइनेंस और अमेरिकन एक्सप्रेस शामिल है।

गुरुग्राम से संचालित होने वाली इस कंपनी ने जुलाई में आरंभिक सार्वजनिक पेशकश के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दायर किया था।

अमेरिकन एक्सप्रेस ट्रैवल रिलेटेड सर्विसेज कंपनी इंक, बजाज फाइनेंस, सिस्को सिस्टम्स (यूएसए) पीटीई लिमिटेड, सिकोइया कैपिटल इंडिया इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स III, सिकोइया कैपिटल इंडिया इन्वेस्टमेंट्स IV, ट्री लाइन एशिया मास्टर फंड (सिंगापुर) पीटीई लिमिटेड के साथ कंपनी की प्रमोटर, उपासना टाकू और बिपिन प्रीत सिंह, आईपीओ के जरिए अपने शेयर बेचेंगे।

शेयरों के नए निर्गम से मिली रकम का इस्तेमाल ऑर्गैनिक के साथ-साथ इनऑर्गैनिक विकास पहल और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्य की फंडिंग के लिए किया जाएगा। पिछले महीने MobiKwik ने कहा था कि उसकी लिस्टिंग से उसके कर्मचारियों को जारी किए गए ESOP के माध्यम से इनाम मिलना चाहिए।

MobiKwik के बारे में

MobiKwik Systems भारत में एक अग्रणी मोबाइल वॉलेट (MobiKwik Wallet) और बाय नाउ पे लेटर (BNPL) प्लेयर है। कंपनी दैनिक मोबाइल भुगतान की सुविधा को बाय नाउ पे लेटर के लाभों के साथ जोड़कर तेजी से बढ़ते ऑनलाइन लेन-देन करने वालों की अधूरी क्रेडिट जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस कंपनी को साल 2009 में उपासना टाकू और बिपिन प्रीत सिंह द्वारा शुरू किया गया था।