Moody's Report: पिछले साल से कम रहेगी भारत की GDP ग्रोथ, लेकिन साथ में एक अच्छी खबर भी
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज के अनुसार 2024 में भारत की अर्थव्यवस्था पिछले साल के मुकाबले कुछ सुस्त रफ्तार से बढ़ेगी। मूडीज ने मौजूदा कैलेंडर ईयर में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जो 2023 में 7.7 प्रतिशत थी। मूडीज ने भारत और चीन की महंगाई पर भी अपना नजरिया दिया है। आइए जानते हैं पूरी खबर।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज का मानना है कि 2024 में भारत की आर्थिक तरक्की की रफ्तार पिछले साल के मुकाबले कुछ सुस्त रहेगी। इसने मौजूदा कैलेंडर ईयर में 6.1 प्रतिशत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। यह पिछले साल यानी 2023 में 7.7 प्रतिशत थी।
मूडीज एनालिटिक्स ने अपनी रिपोर्ट- 'APC आउटलुक: लिसनिंग थ्रू द नॉइज' में उम्मीद जताई है कि इस साल दक्षिण और दक्षिण-पूर्व देशों का उत्पादन बेहतर होगा। मूडीज ने कहा कि ये अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक महामारी कोरोना से जल्दी नहीं निपट पाईं, जिसका उन्हें थोड़ा नुकसान हुआ।
भारत के बारे में क्या कहा मूडीज ने
मूडीज की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जीडीपी (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्शन) 6.1 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। यह पिछले साल 7.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी।मूडीज का कहना है कि इस साल APAC (एशिया प्रशांत) क्षेत्र दुनिया के बाकी हिस्सों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगा। APAC रीजन की अर्थव्यवस्था 3.8 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। वहीं, वर्ल्ड इकोनॉमी की ग्रोथ स्पीड 2.5 प्रतिशत रहेगी।
भारत के अच्छे प्रदर्शन की वजह
मूडीज एनालिटिक्स का कहना है कि अगर हम कोरोना से पहले वाले दौर को देखें, तो जाहिर होता है कि भारत के साथ दक्षिण-पूर्व एशिया के उत्पादन में दुनिया के किसी और हिस्से के मुकाबले सबसे अधिक गिरावट आई थी। यह तो बस उत्पादन बेहतर होने की शुरुआत भर है।मुद्रास्फीति पर क्या कहा मूडीज ने
मूडीज की रिपोर्ट का मानना है कि मुद्रास्फीति के लिहाज से चीन और भारत के लिए हालात ज्यादा अनिश्चित हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अप्रैल की शुरुआत में कहा कि खाद्य पदार्थों के मूल्य का अभी पता नहीं है कि ये किस करवट जाएगी। यह अनिश्चितता आगे चलकर मुद्रास्फीति को प्रभावित करेगी।
मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 4.5 फीसदी रिटेल इंफ्लेशन का अनुमान बरकरार है। RBI के मुताबिक, मिडल-ईस्ट के साथ दुनिया के कुछ अन्य हिस्सों में जारी भू-राजनीतिक तनाव भी जिंस की कीमतों और सप्लाई चेन के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है।मूडीज ने पिछले महीने जारी एक रिपोर्ट में अंदाजा लगाया था कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार G20 के अन्य देशों के मुकाबले अधिक रहेगी, क्योंकि इसकी घरेलू मांग मजबूत बनी हुई है।
(पीटीआई से इनपुट के साथ)यह भी पढ़ें : GST Return Filing में टैक्सपेयर को हो रही है दिक्कत, बढ़ा दी गई डेडलाइन; काम निपटाने के लिए आज है आखिरी मौका