अप्रैल में 1.29 करोड़ घरेलू यात्रियों ने किया हवाई सफर, पिछली बार के मुकाबले 43 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी
अप्रैल में 128.88 लाख यात्रियों ने हवाई सफर किया। डीजीसीए ने कहा कि जनवरी से अप्रैल के बीच घरेलू यात्रियों की संख्या पिछले वर्ष की समान अवधि के 352.70 लाख की तुलना में बढ़कर 503.93 लाख हो गई। फाइल फोटो।
By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 19 May 2023 08:23 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। अप्रैल में 128.88 लाख यात्रियों ने हवाई सफर किया। यह आंकड़ा जहां पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले जहां 22 प्रतिशत अधिक है वहीं, मार्च के 128.93 लाख यात्रियों की तुलना में कम है। अप्रैल, 2022 में कुल 105.47 लाख लोगों ने हवाई यात्रा की थी।
यात्रियों की संख्या में दर्ज की गई बढ़ोतरी
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कहा, "जनवरी से अप्रैल के बीच घरेलू यात्रियों की संख्या पिछले वर्ष की समान अवधि के 352.70 लाख की तुलना में बढ़कर 503.93 लाख हो गई। वर्ष दर वर्ष जहां यात्रियों की संख्या में 42.88 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई वहीं, 22.20 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्ज की गई।"
समय पर संचालन में किसने मारी बाजी?
अप्रैल में समय पर संचालन की बात करें तो अकासा एयर का प्रदर्शन 94 प्रतिशत रहा। इसके बाद एअर इंडिया 91.1 प्रतिशत, इंडिगो 89.6 प्रतिशत, विस्तारा 86.5 प्रतिशत, एयरएशिया इंडिया 82.9 प्रतिशत, स्पाइसजेट 69.2 प्रतिशत और एलायंस एयर 67.9 प्रतिशत रहा। इस मानक पर सबसे खराब प्रदर्शन गो फर्स्ट (41.7 प्रतिशत) का रहा। अप्रैल में इंडिगो की घरेलू बाजार हिस्सेदारी पिछले महीने के 56.8 प्रतिशत से बढ़कर 57.5 प्रतिशत हो गई।कितनी बढ़ी विस्तारा की बाजार हिस्सेदारी?
अप्रैल में एअर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी मार्च में 8.8 प्रतिशत से घटकर 8.6 प्रतिशत रह गई, जबकि इसी अवधि के दौरान विस्तारा की बाजार हिस्सेदारी 8.9 प्रतिशत से गिरकर 8.7 प्रतिशत हो गई। वहीं, एयरएशिया इंडिया (अब एआइएक्स कनेक्ट) की बाजार हिस्सेदारी 7.6 प्रतिशत पर बरकरार रही। स्पाइसजेट की बाजार हिस्सेदारी मार्च के 6.4 प्रतिशत से घटकर अप्रैल में 5.8 प्रतिशत रह गई। जबकि गो फर्स्ट की हिस्सेदारी 6.9 प्रतिशत से घटकर 6.4 प्रतिशत रह गई।
अकासा एयर की बढ़ी बाजार हिस्सेदारी
पिछले महीने अकासा एयर की बाजार हिस्सेदारी मार्च के 3.3 प्रतिशत से बढ़कर चार प्रतिशत हो गई। उड़ानों के निलंबन की बात करें तो एलायंस एयर ने सबसे ज्यादा 7.55 उड़ानों को रद किया।हवाई टिकटों की दरें तय करने में संतुलन सुनिश्चित करें कंपनियां
सरकार ने विमानन कंपनियों से हवाई टिकटों की दरें तय करने में संतुलन सुनिश्चित करने को कहा है। हालांकि, सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसका हवाई किराए को नियंत्रित करने का कोई इरादा नहीं है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि विमानन कंपनियों द्वारा ऊपरी और निचली किराया सीमा पर बेचे गए टिकटों की संख्या में बहुत अंतर नहीं होना चाहिए। भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते नागरिक उड्डयन बाजारों में से एक है और कोरोना महामारी से काफी प्रभावित होने के बाद घरेलू यात्री यातायात बढ़ रहा है।