S&P Global के बाद मॉर्गन स्टेनली ने भी भारत की जीडीपी का अनुमान बढ़ाया, मुद्रास्फीति के भी काबू में रहने की कही बात
अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विकास दर के अनुमान को 6.5 से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत किया गया है। औद्योगिक और पूंजीगत व्यय गतिविधि में लगातार वृद्धि के चलते ब्रोकरेज फर्म ने अनुमान बढ़ाया। विकास का आधार व्यापक होगा और ग्रामीण-शहरी खपत के बीच अंतर वित्त वर्ष 2025 में कम होगा। ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि सप्लाई चेन की स्थिति और सामान्य होगी और कमोडिटी मूल्य दबाव कम होगा।
आईएएनएस, नई दिल्ली। मॉर्गन स्टेनली ने औद्योगिक और पूंजीगत व्यय गतिविधि में लगातार वृद्धि के चलते अगले वित्त वर्ष यानी 2024-25 में भारत की विकास दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।
वैश्विक ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि हमने औद्योगिक और पूंजीगत व्यय गतिविधि में निरंतर बढ़ोतरी के कारण वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी दर को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है, जो कि हमारे पहले के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है।
2024 में सालाना 6.8 प्रतिशत का विकास
हम 2024 के लिए सालाना 6.8 प्रतिशत के विकास की उम्मीद करते हैं, जो पहले 6.4 प्रतिशत थी। एक दिन पहले ही एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था।रेटिंग एजेंसी ने अगले वित्त वर्ष में भारत में ब्याज दरों में 75 आधार अंकों की कटौती का भी अनुमान जताया है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मार्च 2024 की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत की जीवीए वृद्धि के साथ लगभग सात प्रतिशत रहेगी और इस प्रकार वित्त वर्ष 2024 की जीडीपी वृद्धि 7.9 प्रतिशत रहेगी।
ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि विकास का आधार व्यापक होगा और ग्रामीण-शहरी खपत और निजी-सार्वजनिक पूंजीगत व्यय के बीच अंतर वित्त वर्ष 2025 में कम हो जाएगा। मुद्रास्फीति में नरमी और चालू खाता घाटा कम होने से अर्थव्यवस्था में स्थिरता आ रही है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि इसके अलावा, हम विकास, पूंजीगत व्यय और उत्पादन में उम्मीद से बेहतर रुझान के कारण संभावित देरी और/या राहत न मिलने के जोखिम को भी उजागर करते हैं।'
घरेलू मांग में स्थिर वृद्धि
घरेलू मांग में वृद्धि स्थिर रही है और यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा दृष्टिकोण है। खपत जीडीपी का 60.3 प्रतिशत है और यह घरेलू मांग की कहानी का मुख्य आधार है।पिछली चार तिमाहियों के दौरान निजी खपत में सुधार हुआ है। चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में इसमें 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले की समान अवधि इसमें 1.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। आंकड़ों को देखने से पता चल रहा है कि निजी खपत का रुझान महामारी से पहले की स्थिति में आ रहा है।
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