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S&P Global के बाद मॉर्गन स्टेनली ने भी भारत की जीडीपी का अनुमान बढ़ाया, मुद्रास्फीति के भी काबू में रहने की कही बात

अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए विकास दर के अनुमान को 6.5 से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत किया गया है। औद्योगिक और पूंजीगत व्यय गतिविधि में लगातार वृद्धि के चलते ब्रोकरेज फर्म ने अनुमान बढ़ाया। विकास का आधार व्यापक होगा और ग्रामीण-शहरी खपत के बीच अंतर वित्त वर्ष 2025 में कम होगा। ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि सप्लाई चेन की स्थिति और सामान्य होगी और कमोडिटी मूल्य दबाव कम होगा।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Wed, 27 Mar 2024 05:56 PM (IST)
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S&P Global के बाद मॉर्गन स्टेनली ने भी भारत की जीडीपी का अनुमान बढ़ाया
आईएएनएस, नई दिल्ली। मॉर्गन स्टेनली ने औद्योगिक और पूंजीगत व्यय गतिविधि में लगातार वृद्धि के चलते अगले वित्त वर्ष यानी 2024-25 में भारत की विकास दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है।

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि हमने औद्योगिक और पूंजीगत व्यय गतिविधि में निरंतर बढ़ोतरी के कारण वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी दर को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है, जो कि हमारे पहले के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है।

2024 में सालाना 6.8 प्रतिशत का विकास

हम 2024 के लिए सालाना 6.8 प्रतिशत के विकास की उम्मीद करते हैं, जो पहले 6.4 प्रतिशत थी। एक दिन पहले ही एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था।

रेटिंग एजेंसी ने अगले वित्त वर्ष में भारत में ब्याज दरों में 75 आधार अंकों की कटौती का भी अनुमान जताया है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि हमें उम्मीद है कि मार्च 2024 की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत की जीवीए वृद्धि के साथ लगभग सात प्रतिशत रहेगी और इस प्रकार वित्त वर्ष 2024 की जीडीपी वृद्धि 7.9 प्रतिशत रहेगी।

ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि विकास का आधार व्यापक होगा और ग्रामीण-शहरी खपत और निजी-सार्वजनिक पूंजीगत व्यय के बीच अंतर वित्त वर्ष 2025 में कम हो जाएगा। मुद्रास्फीति में नरमी और चालू खाता घाटा कम होने से अर्थव्यवस्था में स्थिरता आ रही है। मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि इसके अलावा, हम विकास, पूंजीगत व्यय और उत्पादन में उम्मीद से बेहतर रुझान के कारण संभावित देरी और/या राहत न मिलने के जोखिम को भी उजागर करते हैं।'

घरेलू मांग में स्थिर वृद्धि

घरेलू मांग में वृद्धि स्थिर रही है और यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा दृष्टिकोण है। खपत जीडीपी का 60.3 प्रतिशत है और यह घरेलू मांग की कहानी का मुख्य आधार है।

पिछली चार तिमाहियों के दौरान निजी खपत में सुधार हुआ है। चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही में इसमें 3.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक साल पहले की समान अवधि इसमें 1.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। आंकड़ों को देखने से पता चल रहा है कि निजी खपत का रुझान महामारी से पहले की स्थिति में आ रहा है।

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अगले वित्त वर्ष मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

मॉर्गन स्टेनली को उम्मीद है कि अगले वित्त वर्ष मुद्रास्फीति औसतन 4.5 प्रतिशत रहेगी जो वित्त वर्ष 2023-24 के 5.4 प्रतिशत के मुकाबले कम है। हालांकि मुख्य मुद्रास्फीति 4.1 प्रतिशत तक कम रहने का अनुमान है।

ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि सप्लाई चेन की स्थिति और सामान्य होगी और कमोडिटी मूल्य दबाव कम होगा और यह अपस्फीति में योगदान देगा।अपस्फीति मुद्रास्फीति की दर में कमी को संदर्भित करती है, जिसका अर्थ है कीमतें बढ़ रही हैं लेकिन पहले की तुलना में धीमी गति से।

सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ ही मॉर्गन स्टेनली ने वैश्विक कारक और घरेलू अनिश्चितताओं से पैदा होने वाले जोखिमों पर भी प्रकाश डाला है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि धीमी वैश्विक वृद्धि, कमोडिटी की ऊंची कीमतें और सख्त वैश्विक वित्तीय स्थितियां भारत की वृद्धि और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए जोखिम पैदा करती हैं।

निवेश दर 2026-27 तक जीडीपी के 36.2 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद

मॉर्गन स्टेनली के अनुसार, भारत में निवेश दर 2022-23 में जीडीपी के 32.2 प्रतिशत से बढ़कर 2026-27 तक जीडीपी के 36.2 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। बहुराष्ट्रीय निवेश बैंक के अनुसार, महामारी के बाद से पूंजीगत व्यय में सुधार सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय पर जोर देने के कारण हुआ है।

एक फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट में सरकार ने 2024-25 में पूंजीगत व्यय परिव्यय को 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा है। पूंजीगत व्यय का उपयोग दीर्घकालिक भौतिक या अचल संपत्ति स्थापित करने के लिए किया जाता है।

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