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कौन थे हरित क्रांति के जनक MS Swaminathan? जिन्हें भारत रत्न देने का किया गया एलान

हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का एलान किया गया है। इनका कृषि और किसानों के कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान रहा। स्वामीनाथन एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने वैश्विक स्तर पर हरित क्रांति का प्रतिनिधित्व किया था। इन्होंने अपने जीवन के दौरान कई ऐसे काम किए जो आज भी किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं। आइए इनके सफर के बारे में जानते हैं।

By Yogesh Singh Edited By: Yogesh Singh Updated: Fri, 09 Feb 2024 02:46 PM (IST)
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एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का एलान किया गया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले एमएस स्वामीनाथन (M.S Swaminathan) को भारत रत्न देने का एलान किया गया है। इनका कृषि और किसानों के कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। स्वामीनाथन एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने वैश्विक स्तर पर हरित क्रांति का प्रतिनिधित्व किया था। इन्होंने अपने जीवन के दौरान कई ऐसे काम किए जो आज भी किसानों के लिए महत्वपूर्ण हैं। आइए इनके पूरे सफर के बारे में जानते हैं।

कई पुरस्कार से किए गए सम्मानित

एमएस स्वामीनाथन को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इन्हें 1987 में प्रथम विश्व खाद्य पुरस्कार विजेता, 1967 में पद्म श्री, 1972 पद्म भूषण और पद्म विभूषण (1989), 1971 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिला, 1986 में अल्बर्ट आइंस्टीन विश्व विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

— Narendra Modi (@narendramodi) February 9, 2024

शिक्षा और कार्य

हरित क्रांति के जनक कहे जाने वाले एमएस स्वामीनाथन ने यूनिवर्सिटी ऑफ केंब्रिज से Ph.D की डिग्री हासिल की थी। इन्होंने ICAR महानिदेशक के रूप में काम किया, जहां खाद्य और कृषि संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये 2007 से 2013 तक एमएस स्वामीनाथन राज्यसभा के सदस्य रहे।

  • इन्होंने तिरुवनंतपुरम के महाराजा कॉलेज से जूलॉजी में बी.एससी की डिग्री प्राप्त की।
  • इसके बाद उन्होंने आनुवंशिकी और पादप प्रजनन में विशेषज्ञता हासिल की और एम.एससी. की उपाधि प्राप्त की।
  • 1949 में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) से कृषि विज्ञान में डिग्री हासिल की।
  • एमएस स्वामीनाथन 1972 से 1979 तक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और 1982 से 1988 के बीच अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के महानिदेशक भी रहे।
  • स्वामीनाथन ने 1979 में कृषि मंत्रालय के प्रधान सचिव के रूप में भी कार्य किया।

एमएस स्वामीनाथन ने 28 दिसंबर 2023 को चेन्नई में अंतिम सांस ली।