2047 तक 13 गुना बढ़कर 40 हजार अरब डॉलर हो जाएगी भारतीय अर्थव्यवस्था: मुकेश अंबानी
रिलायंस इंडस्टीज के मालिक मुकेश अंबानी ने कहा है कि भारत तीन हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था से बढ़कर 2047 तक 40 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि अमृत काल’ के दौरान देश अभूतपूर्व बदलाव देखेगा।
By Siddharth PriyadarshiEdited By: Updated: Tue, 22 Nov 2022 08:16 PM (IST)
गांधीनगर, बिजनेस डेस्क। भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Amabni) ने मंगलवार को कहा कि 2047 तक भारत 40 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यह भारतीय अर्थव्यवस्था के मौजूदा आकार से 13 गुना अधिक बढ़ोतरी होगी। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से स्वच्छ ऊर्जा क्रांति और डिजिटलीकरण से प्रेरित होगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मुकेश अंबानी का अनुमान एशिया के सबसे अमीर आदमी गौतम अदाणी (Gautam Adani) की तुलना में अधिक आशावादी है। वर्तमान में केवल अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी भारत से आगे हैं। आपको बता दें कि गौतम अदाणी ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत 2050 तक 30 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसमें बढ़ती खपत और सामाजिक-आर्थिक सुधारों का बड़ा योगदान है।
दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शुमार होगा भारत
अंबानी ने पंडित दीनदयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी के 10वें दीक्षांत समारोह में कहा कि 3,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था से भारत 2047 तक 40 हजार डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा और भारत की गिनती दुनिया की तीन शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में होनी शुरू हो जाएगी।'
उन्होंने जोर देकर कहा कि वर्तमान समय और 2047 के बीच की अवधि के दौरान जब भारत स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा, देश के सामने आर्थिक विकास का नया आयाम खुलेगा। उन्होंने कहा कि तीन गेमचेंजर समझीं जाने वाली क्रांतियां आने वाले दशक में भारत के विकास को नियंत्रित करेंगी, ये हैं स्वच्छ ऊर्जा क्रांति, जैव-ऊर्जा क्रांति और डिजिटल क्रांति।'
डिजिटल क्रांति का खाका खींचा
अंबानी की आयल टू टेलीकम्युनिक्शन समूह वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज इन दिनों सौर पैनलों से हाइड्रोजन तक स्वच्छ ऊर्जा की चेन बनाने में अरबों डॉलर का निवेश कर रही है। अंबानी ने कहा कि जहां स्वच्छ ऊर्जा क्रांति और जैव-ऊर्जा क्रांति से ऊर्जा का उत्पादन स्थायी रूप से होगा, वहीं डिजिटल क्रांति हमें ऊर्जा का कुशलतापूर्वक उपभोग करने में सक्षम बनाएगी। तीनों क्रांतियां मिलकर भारत और दुनिया के साथ पृथ्वी को जलवायु संकट से बचाने में मदद करेंगी।'