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मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो का इस देश में भी बजेगा डंका; तैयार करेगी 4G और 5G इंफ्रास्ट्रक्चर

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के प्रमुख मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो भारत में दबदबा बनाने के अब अफ्रीकी मार्केट में एंट्री करने वाली है। दरअसल अफ्रीकी देश घाना ने रिलायंस जियो की सब्सिडियरी टेक महिंद्रा और दूसरे वेंडर्स के साथ देश में 4जी और 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने के लिए डील साइन की है। घाना ने चीन के जाल में फंसने के बजाय भारतीय वेंडर्स के साथ डील की है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 27 May 2024 06:43 PM (IST)
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यह टोटल डील 20 करोड़ डॉलर से अधिक की है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के प्रमुख मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो भारत में दबदबा बनाने के अब अफ्रीकी मार्केट में एंट्री करने वाली है। दरअसल, अफ्रीकी देश घाना ने रिलायंस जियो की सब्सिडियरी, टेक महिंद्रा और दूसरे वेंडर्स के साथ देश में 4जी और 5जी इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने के लिए डील साइन की है। रिपोर्ट के अनुसार, यह टोटल डील 20 करोड़ डॉलर से अधिक की है।

क्या है घाना का प्लान?

घाना अब अपनी टेलीकॉम क्षमता का बेहतर इस्तेमाल करना चाहता है। वहां की पब्लिक सेक्टर की नेक्स्ट-जेन इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी (NGIC) ने रिलायंस जियो की सहयोगी कंपनी Radisys, टेक महिंद्रा और नोकिया के साझेदारी की है। इसका मकसद देश में किफायती 5जी मोबाइल ब्रॉडबैंड सर्विसेज के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है।

NGIC को 5जी स्पेक्ट्रम आवंटित किया गया है और स्थानीय दूरसंचार कंपनियां अगले छह महीनों में सेवाएं शुरू करने के लिए साझा बुनियादी ढांचे का उपयोग करेंगी। रिपोर्ट के अनुसार, यह टोटल डील 20 करोड़ डॉलर से अधिक की है।

घाना ने की भारत की तारीफ

इस पश्चिमी अफ्रीकी देश के कम्युनिकेशन और डिजिटलाइजेशन मंत्री Ursula Owusu-Ekuful ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए भारत हमारी 'रणनीतिक पसंद' है, क्योंकि घाना और भारत की जनसांख्यिकीय कमोबेश एक जैसी ही है। साथ ही, भारत ने टेलीकॉम इंडस्ट्री में कामयाबी की दास्तान लिखी है, उसे हम दोहराना भी चाहते हैं।

Ursula ने कहा, 'भारत की जनसांख्यिकीय बिल्कुल हमारे जैसी है। भारत के टेलीकॉम सेक्टर की दिशा और दशा बदलने वाला जियो मॉडल बस कुछ साल पहले ही शुरू हुआ था। लिहाजा, वह मॉडल अभी भी बिल्कुल ताजा है और हम उस कहानी को घाना में दोहरा सकते हैं।'

चीन के बजाय भारत को चुना

एकुफुल ने कहा कि घाना 33 देशों के स्मार्ट अफ्रीका अलायंस का हिस्सा है। ऐसे में महाद्वीप के अन्य देश भी इस इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट बारीक नजर रखेंगे, क्योंकि वे जानना चाहेंगे कि उनके देश में भी इस मॉडल पर अमल कर सकता है या नहीं।

घाना के मंत्री से सवाल किया गया कि भारतीय वेंडर्स ने पहले कभी ऐसी डील नहीं की है। वहीं, चीनी सप्लायर्स को इस क्षेत्र में काफी अनुभव है, तो उन्होंने चीन के बजाय भारत को क्यों चुना।

इसका जवाब देते हुए एकुफुल ने कहा, 'भारत हमारे लिए एक रणनीतिक विकल्प था। हम किसी भी भू-राजनीति में फंसना नहीं चाहते हैं। हम वही चाहते हैं जो हमारे राष्ट्रीय हित के लिए सर्वोत्तम हो। हमारा मकसद इस क्षेत्र में भारत के अनुभव का लाभ उठाना है।'

एलन मस्क के साथ भी बातचीत

घाना के मंत्री ने कहा कि हम अपने टेलीकॉम सेक्टर को बेहतर करने के लिए 4जी और 5जी नेटवर्क के साथ सैटेलाइट कनेक्टिविटी पर भी विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए एलन मस्क के स्टारलिंक के साथ बातचीत कर रहे हैं। भारत में Jio की प्रतिद्वंद्वी भारती एयरटेल अफ्रीकी महाद्वीप में सबसे प्रमुख मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों में से एक है।

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