मुंबई बना एशिया-प्रशांत क्षेत्र का 14वां सबसे महंगा आवासीय बाजार, प्रॉपर्टी का रेट जानकर उड़ जाएंगे होश
मुंबई को 953 डालर प्रति वर्ग फुट की औसत कीमत के आधार पर 14वां सबसे महंगा एशिया-प्रशांत क्षेत्र का आवासीय बाजार माना जाता है। शहर में 10 लाख डॉलर में लगभग 103 वर्ग फुट लग्जरी आवासीय संपत्ति खरीदी जा सकती है। वियतनाम और थाईलैंड को भारत के साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र के उभरते बाजारों में से एक माना जाता है। भारत में अपना घर खरीदने की दर 87 प्रतिशत है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। लग्जरी आवासीय संपत्ति की मूल्य वृद्धि में मुंबई और दिल्ली एशिया-प्रशांत के पांच प्रमुख बाजारों में शामिल हैं। नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में लग्जरी आवासीय मूल्य वृद्धि सूचकांक में मुंबई तीसरे स्थान पर है। इसने कैलेंडर वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में लक्जरी संपत्ति की कीमतों में 11.5 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'मुंबई का बेहतर प्रदर्शन भारतीय शेयर बाजारों के प्रदर्शन के अनुरूप है। अर्थव्यवस्था में निवेश की भावना बहुत मजबूत बनी हुई है और यह इक्विटी सूचकांकों में होने वाली वृद्धि में दिखता है।' इसके अलावा, मुंबई को 953 डालर प्रति वर्ग फुट की औसत कीमत के आधार पर 14वां सबसे महंगा एशिया-प्रशांत क्षेत्र का आवासीय बाजार माना जाता है। शहर में 10 लाख डॉलर में लगभग 103 वर्ग फुट लक्जरी आवासीय संपत्ति खरीदी जा सकती है। वियतनाम और थाईलैंड को भारत के साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र के उभरते बाजारों में से एक माना जाता है।
लग्जरी आवासीय संपत्ति के मामले एशिया-प्रशांत क्षेत्र लग्जरी आवासीय मूल्य वृद्धि सूचकांक में पांचवें स्थान पर है। यहां की लग्जरी संपत्ति की कीमतों में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 452 डालर प्रति वर्ग फुट की औसत कीमत के साथ दिल्ली एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 19वां सबसे महंगा बाजार माना जाता है।
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर शिशिर बैजल ने कहा, 'भारत का आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र उल्लेखनीय वृद्धि का अनुभव कर रहा है।' मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु लग्जरी आवासीय संपत्ति की मूल्य वृद्धि में अग्रणी हैं। बाजार में लचीलापन बना हुआ है और खुद को प्राइम रियल एस्टेट निवेश के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है। भारत में अपना घर खरीदने की दर 87 प्रतिशत है, जबकि सिंगापुर में यह 90 प्रतिशत और वियतनाम में 88 प्रतिशत है।