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Mutual Fund इंडस्ट्री में दस साल में छह गुना बढ़ोतरी

Mutual Fund का घरेलू कारोबार पहले 9.75 लाख करोड़ का था जो इस साल जुलाई के आखिर में 64.96 लाख करोड़ रुपये का हो गया। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण गोपालकृष्णन के मुताबिक वृहद रूप से अर्थव्यवस्था की लगातार अच्छी स्थिति और कारपोरेट की बढ़ती कमाई से वित्तीय बदलाव तेजी से हो रहा है।

By Jagran News Edited By: Ram Mohan Mishra Updated: Fri, 09 Aug 2024 08:38 PM (IST)
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Mutual Fund इंडस्ट्री ने दस साल में छह गुना बढ़ोतरी की है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दो दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त विधेयक पर अपने जवाब में कहा था कि पिछले पांच साल से हर महीने म्युचुअल फंड में निवेश के लिए औसतन 17.88 लाख नए फोलियो बन रहे हैं। तभी पिछले 10 सालों में म्युचुअल फंड के कारोबार में छह गुना से अधिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

वर्ष 2014 में म्युचुअल फंड का घरेलू कारोबार 9.75 लाख करोड़ का था, जो इस साल जुलाई के आखिर में 64.96 लाख करोड़ रुपये का हो गया। जानकारों के मुताबिक इसकी सबसे बड़ी वजह है कि म्युचुअल फंड ने पिछले 20 सालों में औसतन 18 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।

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हर महीने बन रहे लाखों म्युचुअल फंड फोलियो

इस रिटर्न को देखकर ही हर महीने लाखों म्युचुअल फंड के फोलियो बन रहे हैं और सिस्टमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के तहत निवेश के लिए लाखों नए निवेशक अपना पंजीयन करा रहे हैं। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड इन इंडिया (AMFI) के मुताबिक इस साल जुलाई में एसआईपी के तहत 72.61 लाख नए रजिस्ट्रेशन किए गए। देश में म्युचुअल फंड फोलियो की संख्या 19.84 करोड़ हो गई है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण गोपालकृष्णन के मुताबिक वृहद रूप से अर्थव्यवस्था की लगातार अच्छी स्थिति और कारपोरेट की बढ़ती कमाई से वित्तीय बदलाव तेजी से हो रहा है और व्यक्तिगत रूप से बड़ी संख्या में लोग अपनी बचत से पूंजी निर्माण के लिए जोखिम ले रहे हैं।

भारतीय निवेशकों का बढ़ा भरोसा

म्युचुअल फंड का ईको-सिस्टम इस बदलाव में अहम भूमिका निभा रहा है और अच्छी कमाई से भारतीय निवेशकों का इस पर भरोसा भी बढ़ता जा रहा है। यूनियन बैंक से जुड़ा यूनियन म्युचुअल फंड के सीईओ मधु नायर ने बताया कि भारत में अगले 10-15 साल तक म्युचुअल फंड में पैसा बनाने की पूरी संभावना है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के बाद वैश्विक निवेशक भारत को संपदा वर्ग (एसेट क्लास) के रूप देखेंगे और फिर बाजार में अब से कही ज्यादा विदेशी निवेश होगा।

नायर ने बताया कि भारतीय म्युचुअल फंड बाजार धीरे-धीरे परिपक्व हो रहा है तभी सेबी म्युचुअल फंड में निवेश के लिए न्यू एसेट क्लास लाने जा रही है। न्यू एसेट क्लास के तहत कम से कम 10 लाख रुपये का निवेश म्युचुअल फंड में करना होगा। सेबी ने इस प्रस्ताव पर सभी स्टेकहोल्डर्स से अपने विचार देने के लिए कहा है।

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