Mutual Fund में करते हैं निवेश तो जान लें रेगुलर और डायरेक्ट प्लान में अंतर, रिटर्न बढ़ाने में मिलेगी मदद
Difference between Regular and Direct Mutual Fund म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय कुछ बातों को ध्यान रखना चाहिए। आज हम इस रिपोर्ट में रेगुलर और डायरेक्ट म्यूचुअल फंड के बीत के अंतर को बताने जा रहे हैं।
By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sat, 17 Jun 2023 09:06 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर हमेशा निवेशकों के सामने दो प्रकार के विकल्प आते हैं। पहला- डायरेक्ट प्लान और दूसरा- रेगुलर प्लान होता है। कई बर निवेशक निवेश करते समय इन दोनों के बीच के अंतर को समझे बिना किसी में भी निवेश कर देते हैं। इससे उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है।
आज हम अपनी इस रिपोर्ट में बताएंगे कि डायरेक्ट और रेगुलर म्यूचुअल फंड में क्या अंतर होता है और कैसे ये आपके रिटर्न पर असर डालते हैं।
डायरेक्ट और रेगुलर म्यूचुअल फंड में अंतर
जैसा कि नाम से स्पष्ट होता है म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में सीधे बिना किसी एजेंट और डिस्ट्रीब्यूटर के निवेश किया जाता है, जबकि रेगुलर प्लान में एजेंट और डिस्ट्रीब्यूटर के जरिए निवेश किया जाता है।
कैसे ये आपके रिटर्न पर असर डालते हैं?
एक्सपेंस रेश्यो
हर म्यूचुअल फंड में एक्सपेंस रेश्यो काफी महत्वपूर्ण होता है। ये दिखाता है कि फंड को चलाने की लागत कितनी है। डायरेक्ट प्लान में कम एजेंट न होने के कारण एक्सपेंस रेश्यो कम होता है और निवेशक को अधिक रिटर्न मिलता है। वहीं, रेगुलर प्लान में एजेंट होने के कारण आपको कम रिटर्न मिलता है।ऑनलाइन मॉनिटरिंग
डायरेक्ट म्यूचुअल फंड में आप सीधे ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं और निवेश अपने निवेश की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी कर सकता है। यह उन निवेशकों के लिए अच्छा रहता है, जिन्हें बाजार के बारे में जानकारी होती है और समय-समय निवेश से जुड़े निर्णय स्वयं ले सकते हैं।वहीं, रेगुलर प्लान में आपको एजेंट और डिस्ट्रीब्यूटर की आवश्यकता होता है। ये उन निवेशकों के लिए अच्छा होता है, जिनको निवेश के बारे कम जानकारी होती है।