Raghunandan Kamath: पिता लगाते थे आम का ठेला, बेटे ने खड़ी कर दी 400 करोड़ की कंपनी; जानिए 'आइसक्रीम मैन' की कहानी
आइसक्रीम मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर उद्योगपति रघुनंदन कामत (Raghunandan Kamath) का निधन हो गया। 75 साल के रघुनंदन लंबे वक्त से बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने शनिवार को अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। रघुनंदन ने नेचुरल्स आइसक्रीम की नींव रखी थी। कंपनी ने उनके इंतकाल की सूचना सोशल मीडिया पर देते हुए लिखा कि नेचुरल्स फैमिली उन्हें हमेशा अपनी यादों में जिंदा रखेगी।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आइसक्रीम मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर उद्योगपति रघुनंदन कामत (Raghunandan Kamath) का निधन हो गया। 75 साल के रघुनंदन लंबे वक्त से बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने शनिवार को अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। रघुनंदन ने नेचुरल्स आइसक्रीम (Naturals Ice Cream) की नींव रखी थी। कंपनी ने उनके इंतकाल की सूचना सोशल मीडिया पर देते हुए लिखा कि नेचुरल्स फैमिली उन्हें हमेशा अपनी यादों में जिंदा रखेगी।
फल बेचने वाले घर में पैदा हुए थे रघुनंदन
रघुनंदन कामत का जन्म कर्नाटक के एक छोटे से शहर मुल्की में हुआ था। उनके पिता की आम का ठेला लगाते थे। रघुनंदन ने काफी कम उम्र से अपने पिता के काम में मदद करना शुरू कर दिया था। स्कूल में फेल होने के बाद उन्हें पढ़ाई छोड़नी पड़ी। वह सिर्फ 14 साल की उम्र में मुल्की छोड़कर अपने भाई के पास मुंबई चले गए और वहां भाई के साथ रेस्टोरेंट में काम करने लगे। बाद में रघुनंदन ने अपना रास्ता अलग कर लिया।
कैसे शुरू किया आइसक्रीम का बिजनेस?
रघुनंदन ने अपने आइसक्रीम बिजनेस की शुरुआत बड़े छोटे स्तर पर की। उन्होंने फरवरी 1984 में सिर्फ चार कर्मचारियों के साथ अपना कारोबार चलाया। उनके ग्राहकों को लुभाने का तरीका भी अनोखा था। वह आइसक्रीम के साथ पाव भाजी भी बेचा करते। इससे जो ग्राहक सिर्फ पाव भाजी खाने के इरादे से आते, वे तीखा लगने के बाद आइसक्रीम भी खाकर जाते।
रघुनंदन की आइसक्रीम भी लाजवाब होती। वह सिर्फ फल, दूध और चीनी से आइसक्रीम बनाते। उसमें कोई मिलावट नहीं होती। इससे लोगों का उन पर भरोसा बढ़ा और फिर लोग सिर्फ आइसक्रीम खाने के लिए ही उनके पास आने लगे। रघुनंदन ने अपने पिता से सही फलों का चुनाव करना और उन्हें सरंक्षित रखने का तरीका भी सिखा था, जिसका उन्हें आइसक्रीम बिजनेस में फायदा मिला।