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आरबीआई के पर्सनल लोन वाले फैसले से NBFC का एसेट ग्रोथ हो सकता है प्रभावित: CRISIL

रिटेल पर्सनल लोन पर आरबीआई के हालिया फैसले के प्रभाव पड़ने की उम्मीद करते हुए रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स ने आज कहा कि धीमी खुदरा लोन वृद्धि के कारण चालू वित्त वर्ष में भारत की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र कमजोर रहेगा। इसमें 16-18 प्रतिशत की मध्यम वृद्धि की उम्मीद है। जानिए अगले वित्त वर्ष कितनी होगी वृद्धि। पढ़िए क्या है पूरी खबर।

By AgencyEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 22 Nov 2023 05:46 PM (IST)
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चालू वित्त वर्ष में 16-18 प्रतिशत की मध्यम वृद्धि होने की उम्मीद है।
पीटीआई, नई दिल्ली। आरबीआई द्वारा हाल ही में पर्सनल लोन पर लिए गए फैसले का असर होने की उम्मीद से रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स ने आज कहा कि पर्सनल लोन में धीमी गति से विस्तार के कारण भारत के गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष में 16-18 प्रतिशत की मध्यम वृद्धि होने की उम्मीद है।

अगले वित्त वर्ष में 17 प्रतिशत तक हो सकती है ग्रोथ

क्रिसिल रेटिंग्स ने कहा कि एनबीएफसी की एसेट अंडर मैनेजमेंट रिटेल लोन सेगमेंट में निरंतर मजबूत क्रेडिट मांग के कारण अगले वित्त वर्ष में 14-17 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।

क्रिसिल ने कहा,

निजी खपत लॉन्गटर्म औसत से काफी ऊपर चल रही है क्योंकि घरों, वाहनों और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं पर खुदरा खर्च मजबूत बना हुआ है। और स्वस्थ बैलेंस शीट के समर्थन से, एनबीएफसी इस खुदरा क्रेडिट-विकास लहर को चलाने के लिए सक्रिय रहे हैं

होम और वाहन लोन में स्थिर रहेगी वृद्धि

क्रिसिल के मुताबिक होम लोन और वाहन लोन, वित्त के दो सबसे बड़े पारंपरिक खंडों में अब प्रत्येक एनबीएफसी एयूएम का हिस्सा 25-27 प्रतिशत है। इन दोनों खंडों में स्थिर वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है।

होम लोन सेगमेंट में, अगले वित्त वर्ष में 12-14 प्रतिशत की वृद्धि एचएफसी द्वारा किफायती होम लोन (25 लाख रुपये से कम के टिकट आकार) पर ध्यान केंद्रित करने से प्रेरित होगी, जबकि वाहन वित्त इस वर्ष 18-19 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।

आरबीआई ने क्या लिया था पर्सनल लोन पर फैसला?

आरबीआई ने अभी हाल ही में पर्सनल लोन लेने के नियमों को और मजबूत किया है, क्योंकि आरबीआई के मुताबिक पर्सनल लोन की संख्या पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। आरबीआई ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और क्रेडिट कार्ड प्रदाताओं से पर्सनल लोन पर जोखिम भार को और बढ़ा दिया है।