BYJU'S के खिलाफ शुरू होगी दिवालिया कार्यवाही, BCCI की याचिका पर एनसीएलटी ने दिया आदेश
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की याचिका पर एडटेक कंपनी बायजूस पर दिवालिया की कार्यवाही शुरू हो गई है। यह आदेश नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने दिया है। दोनों कंपनियों बायजूस और बीसीसीआइ के बीच विवाद स्पांसरशिप समझौते से जुड़ा है। बायजूस की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड बीसीसीआई को बकाया 158.9 करोड़ रुपये नहीं दे पाई।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने एडटेक कंपनी बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू करने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की याचिका स्वीकार कर ली है। ये मामला भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के लिए बायजूस और बीसीसीआइ के बीच स्पांसरशिप समझौते से जुड़ा है। बीसीसीआई ने 158.9 करोड़ रुपये की बकाया राशि वसूलने के लिए बायजूस की मूल कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पिछले साल याचिका दायर की थी। मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को होनी है।
ट्रिब्यूनल ने कंपनी की मौजूदा मैनेजमेंट को भंग कर दिया है। इसके साथ ही इंटरिम रिज्योलूशन प्रोफेशनल के तौर पर पंकज श्रीवास्तव की नियुक्ती की है। इसके साथ ही उसने बायजूस को कर्ज देने वाली कंपनियों को जल्द कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स बनाने को भी कहा है। वहीं, दूसरी ओर दिवालिया कार्यवाही से खुद के बचाव के लिए कंपनी ने बीसीसीआई के साथ विवाद को कोर्ट से बाहर सुलझाने के लिए गुहार लगाई है।
कर्ज देने वाली कंपनियों को मिलेगी जिम्मेदारी
एनसीएलटी की ओर से जारी बयान में कहा गया है बायजूस को लोन देने वाली कंपनियों को कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स में शामिल करने को कहा है। हालांकि, इसके बावजूद बायजूस की कमान पंकज श्रीवास्तव के हाथों में रहेगी। जल्द ही कंपनी के खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू होगी। इसके तहत कंपनियों की संपत्ति का आकलन किया जाएगा। इन्हें बेचकर लोन देने वाली कंपनियों के पैसे चुकाए जाएंगे।
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एनसीएलटी की दिवालिया प्रक्रिया पूरी होने तक कंपनी अब अपनी संपत्ति बेच नहीं पाएगी। नियमों के मुताबिक अब कंपनी का मैनेजमेंट क्रेडिटर्स की कमेटी को सौंपी जाएगी। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हम बीसीसीआई के साथ ‘आउट ऑफ कोर्ट’ सेटलमेंट की कोशिश कर रहे हैं।