हिंदुजा ग्रुप की होगी अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी Reliance Capital, NCLT ने दी खरीदने की मंजूरी
अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की कंपनी Reliance Capital पर 40000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। रिजर्व बैंक ने नवंबर 2021 में खराब गवर्नेंस और पेमेंट डिफॉल्ट के मामले पर कंपनी के बोर्ड को भंग कर दिया था। तभी से रिलायंस कैपिटल को लेकर रिजोल्यूशन प्लान पर काम चल रहा था जिसमें अब हिंदुजा ग्रुप ने बाजी मारी है।
पीटीआई, मुंबई। कारोबारी अनिल अनिल अंबानी की भारी कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) अब हिंदुजा ग्रुप की हो जाएगी। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने मंगलवार को हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (IIHL) के 9,650 करोड़ रुपये के रिजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी है। IIHL ने रिलायंस कैपिटल के लिए यह प्लान पिछले साल जून में सौंपा था।
रिजर्व बैंक ने नवंबर 2021 में अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप की कंपनी के खराब गवर्नेंस और पेमेंट डिफॉल्ट के मामले पर रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को भंग कर दिया था। केंद्रीय बैंक ने नागेश्वर राव वाई को नया प्रशासक बनाया। उन्होंने रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण करने के लिए फरवरी 2022 में बिड्स मंगाई।
रिलायंस कैपिटल पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। चार आवेदकों ने अपने रिजोल्यूशन प्लान के साथ बोलियां लगाईं। लेकिन, कोई भी बिड लेनदारों की समिति (CoC) की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी। इसलिए उसने सभी बोलियों को खारिज कर दिया।
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फिर लेनदार बैंक एक चैलेंज मैकेनिज्म लाए, जिसमें IIHL और टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने हिस्सा लिया। जून 2023 में हिंदुजा ग्रुप की फर्म को कमेटी ने 9,661 करोड़ रुपये की अपफ्रंट कैश बिड के लिए चुना। रिलायंस कैपिटल का अतिरिक्त 500 करोड़ रुपये का नकद शेष भी लेनदारों के पास जाएगा।
मुंबई की NCLT कोर्ट में जस्टिस वीरेंद्र सिंह बिष्ट और टेक्निकल मेंबर प्रभात कुमार की बेंच ने मौखिक आदेश में IIHL के रिजोल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी है। इस प्लान की देखरेख के लिए एक मॉनिटरिंग कमिटी भी बनेगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स और हिंदुजा ग्रुप की बिड के बीच में अभी भी विवाद चल रहा है।