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Net Direct Tax Collection अप्रैल-नवंबर में 23.4 प्रतिशत बढ़कर पहुंचा 10.64 लाख करोड़ रुपये, जानें डिटेल्स

चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान (बीई) के 58.34 प्रतिशत यानी 10.64 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। आर्थिक शोध संस्थान नेशनल काउंसिल आफ एप्लाइड इकोनमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के एक अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की लाजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले 7.8 प्रतिशत से 8.9 प्रतिशत के बीच थी।

By AgencyEdited By: Rammohan MishraUpdated: Thu, 14 Dec 2023 09:06 PM (IST)
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Net Direct Tax Collection अप्रैल-नवंबर में बढ़ गया है।
पीटीआई, नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह बजट अनुमान (बीई) के 58.34 प्रतिशत यानी 10.64 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। यह पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 23.4 प्रतिशत अधिक है। रिफंड जारी करने से पहले सकल संग्रह अप्रैल-नवंबर की अवधि में 17.7 प्रतिशत बढ़कर 12.67 लाख करोड़ रुपये हो गया।

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर तक 2.03 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया। मंत्रालय ने कहा कि जिन मामलों में रिफंड शुरू में विफल हो गया था, उनके लिए विशेष पहल की गई और बाद में वैध बैंक खातों में रिफंड जारी किया गया। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष कर (व्यक्तिगत आयकर और कारपोरेट कर) संग्रह 18.23 लाख करोड़ रुपये और अप्रत्यक्ष कर (जीएसटी, सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क) संग्रह 15.38 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

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2021-22 में जीडीपी का 7.8 - 8.9 प्रतिशत हिस्सा रही लाजिस्टिक्स लागत

आर्थिक शोध संस्थान नेशनल काउंसिल आफ एप्लाइड इकोनमिक रिसर्च (एनसीएईआर) के एक अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की लाजिस्टिक लागत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मुकाबले 7.8 प्रतिशत से 8.9 प्रतिशत के बीच थी। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआइआइटी) के सचिव राजेश कुमार ¨सह ने लाजिस्टिक लागत पर रिपोर्ट जारी की।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि सरकार ने लागत कम करने और भारतीय उद्योग की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय लाजिस्टिक नीति जारी की है। डीपीआइआइटी विश्व बैंक के लाजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक (एलपीआइ) में भारत की रैंकिंग को मौजूदा 38वें स्थान से सुधार कर 25 से नीचे लाने के लिए काम कर रहा है।

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