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Tax collection News: FY24 में भरा सरकार का खजाना, अनुमान से अधिक रहा नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन

सरकार को टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है। वित्त वर्ष 2023-24 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (प्रोविजनल) में सालाना आधार पर 17.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह 19.58 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह सरकार के अनुमान से कहीं अधिक है। अगर वित्त वर्ष 2022-23 की बात करें तो सरकार को 16.63 लाख करोड़ रुपये का टैक्स कलेक्शन मिला था।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sun, 21 Apr 2024 04:28 PM (IST)
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सरकार ने 18.23 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स कलेक्ट करने का टारगेट रखा था।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सरकार को टैक्स कलेक्शन के मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है। वित्त वर्ष 2023-24 में नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (प्रोविजनल) में सालाना आधार पर 17.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। यह 19.58 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह सरकार के अनुमान से कहीं अधिक है।

अगर वित्त वर्ष 2022-23 की बात करें, तो सरकार को 16.63 लाख करोड़ रुपये का टैक्स कलेक्शन मिला था। मतलब कि नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 2.95 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (प्रोविजनल) 18.48 प्रतिशत बढ़कर 23.37 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

22.74% ज्यादा रिफंड जारी किया गया

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 3.79 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया है। पिछले साल की तुलना में यह 22.74 प्रतिशत अधिक है। ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में से रिफंड जारी करने के बाद बचने वाली रकम नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन होती है।

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पर्सनल इनकम टैक्स की दमदार ग्रोथ

ग्रॉस पर्सनल इनकम टैक्स सालाना आधार पर 24.26 प्रतिशत बढ़ा और यह 12.01 लाख करोड़ रुपये (प्रोविजनल) हो गया। वहीं नेट पर्सनल इनकम टैक्स 25.23 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है। यह 10.44 लाख करोड़ रुपये (प्रोविजनल) रहा।

कितने टैक्स कलेक्शन का था अनुमान

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में 18.23 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स कलेक्ट करने का टारगेट रखा था। बाद में इसे बढ़ाकर 19.45 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। अंतरिम नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बजट अनुमान से 7.40 प्रतिशत और रिवाइज्ड एस्टिमेट से 0.67 प्रतिशत ज्यादा है।

डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स में क्या अंतर है?

डायरेक्ट टैक्स को सरकार सीधे जनता से वसूलती है। इसमें कॉरपोरेट और पर्सनल इनकम टैक्स शामिल है। आप शेयर या दूसरे एसेट पर जो टैक्स चुकाते हैं, वह भी डायरेक्ट टैक्स के दायरे में ही आता है।

वहीं, इनडायरेक्ट टैक्स की बात करें, तो यह जनता से सीधे नहीं वसूला जाता, बल्कि नाम के मुताबिक इनडायरेक्टर यानी अप्रत्यक्ष तरीके से लिया जाता है। जैसे कि एक्साइज ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी और GST आदि।

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