गैस की नई कीमत से उर्वरक कंपनियों की बढ़ेगी परेशानी
प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ने की आशंका के चलते उर्वरक कंपनियां परेशान हैं। मूल्य निर्धारण के लिए बनाए गए नियमों से पैदा होने वाली मुश्किलों से नाराज कंपनियों ने पहले ही सरकार को इससे अवगत करा दिया था। उनके समक्ष एक और बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। सब्सिडी भुगतान में होने वाली देरी से उनकी वित्तीय ह
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्राकृतिक गैस के दाम बढ़ने की आशंका के चलते उर्वरक कंपनियां परेशान हैं। मूल्य निर्धारण के लिए बनाए गए नियमों से पैदा होने वाली मुश्किलों से नाराज कंपनियों ने पहले ही सरकार को इससे अवगत करा दिया था। उनके समक्ष एक और बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है।
सब्सिडी भुगतान में होने वाली देरी से उनकी वित्तीय हालत खस्ता होने का खतरा पैदा हो गया है। महंगी गैस से उर्वरक की उत्पादन लागत में वृद्धि होना तय है। इससे घरेलू कंपनियां प्रतिस्पर्धी नहीं रह पाएंगी। ऐसे में जहां उनके बंद होने का खतरा पैदा हो जाएगा, वहीं यूरिया की मांग को पूरा करने के लिए निर्यात निर्भरता बढ़ जाएगी।
फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफआइए) ने केंद्र सरकार को इसके लिए चेताया है। कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी में होने वाली देर से भी उनकी मुश्किलें बढ़ गई है। एफआइए के महानिदेशक सतीश चंदर ने बताया कि गैस महंगा होने से सिर्फ यूरिया पर दी जाने वाली सब्सिडी में हर साल 10 हजार करोड़ रुपये की वृद्धि होनी तय है। सब्सिडी भुगतान में होने वाले विलंब से उर्वरक उद्योग को और झटका लगने का खतरा है।
उनका मानना है कि गैस मूल्य बढ़ाने का जो फॉमरूला सरकार ने अख्तियार किया है, उससे उर्वरक उद्योग का बुरा हाल हो जाएगा। घरेलू इकाइयों के उत्पादन घटने या बंद होने से आयात निर्भरता के साथ अंतरराष्ट्रीय दाम बढ़ जाएंगे।