New Income Tax Portal: पुराने रिकॉर्ड और लेनदेन समेत तमाम वित्तीय जानकारियां रहेंगी सुरक्षित, जानिए इसकी खास बातें
New Income Tax Portal पोर्टल के ई वॉलेट में लॉगइन करने के पांच माध्यम उपलब्ध कराए गए हैं। इसके तहत नेट-बैंकिंग डिजिटल सिग्नेचर आधार कार्ड बैंक खाता या डीमैट एकाउंट से लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी मिलने के बाद ही पेज खुलेगा।
By Pawan JayaswalEdited By: Updated: Mon, 14 Jun 2021 06:32 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आयकर विभाग ने रिटर्न दाखिल करने के लिए जो नया पोर्टल लांच किया है, उसमें कई नई सुविधाएं जोड़ी गई हैं। करदाताओं के निजी प्रमाणपत्रों व अन्य जरूरी कागजात सुरक्षित रखने के लिए नए पोर्टल में ई-वॉलेट भी उपलब्ध कराया गया है। इसमें करदाता अपनी वित्तीय जानकारियों से जुड़े कागजात इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सुरक्षित रख सकते हैं।
इससे करदाता बार-बार दस्तावेज अपलोड करने के झंझट से भी बचेंगे। पोर्टल के ई वॉलेट में लॉगइन करने के पांच माध्यम उपलब्ध कराए गए हैं। इसके तहत नेट-बैंकिंग, डिजिटल सिग्नेचर, आधार कार्ड, बैंक खाता या डीमैट एकाउंट से लिंक मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी मिलने के बाद ही पेज खुलेगा। ऐसे में कोई अन्य व्यक्ति किसी करदाता के दस्तावेज में सेंध नहीं लगा सकता है।प्रोफाइल करना होगा अपडेट
सबसे पहले नए पोर्टल में प्रोफाइल अपडेट करने का विकल्प आएगा। इसमें फोटो, संपर्क पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल आइडी व अन्य जरूरी जानकारियां अपडेट की जा सकती हैं। नए डैशबोर्ड में ही यह भी दिख जाता है कि हमें कितना टैक्स जमा करना है। विभाग ने करदाता को पहले कभी कोई नोटिस जारी किया और करदाता ने उसका जवाब दिया था या नहीं, इस तरह की सभी जानकारियां सामने होंगी। करदाता अपने पिछले रिटर्न से जुड़ी सभी जानकारियां भी वेबसाइट से हासिल कर सकते हैं।
ये भी हैं फायदे
नए पोर्टल के फायदों में सबसे प्रमुख यह है कि आइटीआर दाखिल करते ही रिफंड कुछ समय के भीतर बैंक अकाउंट में आ जाएगा। अगर करदाता पहले से भरे हुए फॉर्म से संतुष्ट होंगे और उससे सहमति जताएंगे, तो फॉर्म अपने आप दाखिल हो जाएगा। अभी आइटीआर भरने के दौरान बैंकों से मिलने वाले ब्याज के बारे में जानकारी देने के लिए बैंक का स्टेटमेंट देखना पड़ता है या बैंक से पूछना पड़ता है। लेकिन नए पोर्टल पर बैंकों से मिलने वाला ब्याज आइटीआर फॉर्म में पहले से भरा हुआ मिलेगा।
अब तक कैपिटल गेन या शेयर बाजार से होने वाली कमाई को छिपाने की गुंजाइश थी। लेकिन अब कैपिटल गेन और शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड से होने वाली कमाई पहले से ही आइटीआर फॉर्म में दिखेगी।