आरबीआई के नए नियम से कर्ज की रफ्तार होगी प्रभावित, शेयर बाजार में नए NBFC कंपनी को लिस्ट होने में हो सकती है समस्या
आरबीआई ने हाल ही में असुरक्षित पर्सनल लोन पर जो सख्ती दिखाई है उससे एनबीएफसी में चिंता की लहर है। एक तरफ एनबीएफसी की शिकायत है कि इन नियमों से छोटे और मझोले उद्यमों को कर्ज देने की गति धीमी हो गई है तो दूसरी तरफ ऐसी भी चर्चा है कि शेयर बाजार में उतरने की तैयारी कर रही एनबीएफसी के लिए इससे काफी दिक्कतें पैदा हो रही हैं।
By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Thu, 23 Nov 2023 09:20 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले दिनों आरबीआई ने असुरक्षित खुदरा कर्ज को लेकर जो सख्ती दिखाई है उससे एनबीएफसी में जबरदस्त चिंता की लहर है।
एक तरफ इन नियमों से छोटे व मझोले औद्योगिक इकाइयों को कर्ज की रफ्तार कम होने की शिकायत एनबीएफसी की तरफ से की जा रही है तो दूसरी तरफ शेयर बाजार में उतरने की तैयारियों में जुटे एनबीएफसी के लिए काफी ज्यादा समस्या पैदा होने की बात होने लगी है।
नए एनबीएफसी के शेयर बाजार में लिस्ट होने पर मंडरा रहा है खतरा
आरबीआई के नियम के मुताबिक ही देश के तकरीबन 16 गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को वर्ष 2025 तक शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना है। लेकिन आरबीआई का नया नियम इनका वैल्यूएशन प्रभावित होने का खतरा पैदा हो गया है।
गुरुवार (23 नवंबर) को एनबीएफसी की शीर्ष संस्थान एफआईडीसी ने आरबीआई को पत्र लिख कर अपनी स्थिति सामने रखी है। इसमें कहा गया है कि,
कर्ज से जुड़े जोखिम भारता से जुड़े अनुपात को बढ़ाने के कई विपरीत असर होंगे। ऐसे में आरबीआई इस नियम में बदलाव करना चाहिए।