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Nikkei Index: जापान के शेयर मार्केट में हाहाकार, चीन में जोरदार तेजी; भारत पर क्या होगा असर?

सोमवार को बाजार खुलते ही जापान के शेयर मार्केट में भारी गिरावट देखने को मिली। वहीं चीन और हांगकांग के शेयर बाजारों में तेजी का सिलसिला जारी है। आइए जानते हैं कि जापान के शेयर मार्केट में गिरावट की क्या वजह है और चीन का बाजार तेजी घोड़े पर क्यों सवार है। साथ ही इन दोनों फैक्टर का भारत के शेयर बाजार पर क्या असर होगा।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 30 Sep 2024 09:44 AM (IST)
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जापान के स्टॉक मार्केट में गिरावट की वजह सियासी बदलाव है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। जापान के शेयर मार्केट में भारी गिरावट आई है। सोमवार (30 सितंबर) को शुरुआती कारोबार में करीब 5 फीसदी गिर गया। वहीं, चीन के स्टॉक मार्केट में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है। शंघाई कंपोजिट (SSE Composite Index) शुरुआती कारोबार में ही लगभग 6 फीसदी उछल गया।

वहीं, भारतीय शेयर मार्केट में प्री-ओपन सेशन में गिरावट देखने को मिली। प्री-ओपन सेशन में सेंसेक्स 363.09 अंक यानी 0.42 फीसदी की गिरावट के साथ 85,208.76 पर था। वहीं, निफ्टी भी 117.65 अंक यानी 0.45 फीसदी 26,061.30 के स्तर पर था। गिरावट का यह सिलसिला बाजार खुलने के बाद भी जारी रहा।

जापान के मार्केट में सुनामी की वजह

जापान के स्टॉक मार्केट में गिरावट की वजह सियासी बदलाव है। दरअसल, जापान के सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेट्स ने पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरू इशिबा को अगला प्रधानमंत्री चुना है। इशिबा मंगलवार को मौजूदा प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की जगह लेंगे, जिन्होंने अपनी लोकप्रियता रेटिंग में गिरावट के कारण इस्तीफा दे दिया है।

इशिबा ने शुक्रवार को पार्टी के वोट जीतने के बाद कहा कि वह जापान की सुस्त आर्थिक वृद्धि की रफ्तार को बढ़ाने के लिए किशिदा के नजरिए पर अमल करना जारी रखेंगे। हालांकि, जापान के सियासी हालात के जानकारों का कहना है कि इशिबा के शीर्ष प्रतिद्वंद्वी और आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची के जीतने को बाजार और निवेशक ज्यादा सकारात्मक रूप में लेते।

चीन का स्टॉक मार्केट गुलजार क्यों?

चीनी सरकार लगातार रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने की कोशिशों में लगी हुई है। इसके लिए राहत पैकेज का एलान भी किया है। इसका शेयर मार्केट पर काफी सकारात्मक असर हुआ है। हैंग सेंग और शंघाई सिर्फ एक ही हफ्ते में 13 फीसदी चढ़ गए हैं।

चीन रियल एस्टेट सेक्टर की बॉरोइंग कॉस्ट कम करने की कोशिश में है। उसने कई प्रातों में कई घर खरीदारों के लिए नियम आसान किए है। शंघाई कंपोजिट सुबह 9.10 मिनट पर 5.70 फीसदी बढ़त के साथ 3,263.59 रुपये पर कारोबार कर रहा था। हांगकांग के हैंग सेंग में भी 3 फीसदी से अधिक की तेजी थी।

जापान और चीन का भारत पर असर

पिछली बार जब 'येन कैरी ट्रेड' के चलते जापानी शेयर मार्केट में गिरावट आई थी, तो उसका भारतीय बाजार पर भी काफी नकारात्मक असर पड़ा था। हालांकि, इस बार ऐसा होने की गुंजाइश अधिक नहीं है, क्योंकि जापान में गिरावट की बड़ी वजह वहां की सियासी उथल-पुथल है। राजनीतिक स्थिति सामान्य होते ही जापान का स्टॉक मार्केट फिर से सामान्य हो सकता है।

वहीं, चीन की बात करें, तो उसका भारतीय शेयर मार्केट पर पॉजिटिव और नेगेटिव, दोनों तरह से असर पड़ सकता है। चीन के रियल एस्टेट मार्केट के रिवाइव होने का मतलब है कि अब वह स्टील जैसे उत्पादों को बेहद सस्ते में भारत जैसे बाजारों में डंप नहीं करेगा, जिससे भारतीय उद्योग को फायदा होगा। वहीं, चीन में अच्छी ग्रोथ की संभावना में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भारतीय मार्केट से पैसा निकाल वहां जा सकते हैं। यह निकट अवधि में हमारे लिए नुकसान की बात हो सकती है।

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