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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संभाला पद भार, 15 जुलाई के बाद पेश करेंगी बजट

बुधवार को निर्मला सीतारमण ने वित्त मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। यह सीतारमण का वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों के मंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल है। नॉर्थ ब्लॉक कार्यालय पहुंचने पर उनका स्वागत वित्त सचिव टी वी सोमनाथन और अन्य अधिकारियों ने किया। वे सरकार अपने नागरिकों के लिए जीवन की सुगमता सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस संबंध में आगे भी कदम उठाती रहेंगी।

By Jagran News Edited By: Ankita Pandey Updated: Wed, 12 Jun 2024 08:14 PM (IST)
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वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण ने कार्यभार संभाला।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी के कैबिनेट में लगातार दूसरी बार वित्त मंत्री बनने वाली निर्मला सीतारमण ने बुधवार को अपना पद भार संभाल लिया। सीतारमण के समक्ष पहला बड़ा काम चालू वित्त वर्ष 2024-24 के लिए बजट पेश करना है। वहीं, शीर्ष पांच अर्थव्यवस्था में शामिल हो चुकी भारतीय अर्थव्यवस्था को अपने दूसरे कार्यकाल में तीसरे स्थान पर ले जाना भी वित्त मंत्री का लक्ष्य है।

15 जुलाई के बाद पेश हो सकता है बजट

उम्मीद की जा रही है कि 15 जुलाई के बाद चालू वित्त वर्ष के लिए पूर्ण बजट पेश किया जाएगा। बजट पेश करने से पहले जीएसटी काउंसिल की बैठक बुलाई जाएगी और बजट को लेकर राज्यों के वित्त मंत्रियों से सलाह भी ली जाएगी। 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से तीन जुलाई तक चलेगा, लेकिन इस अवधि में स्पीकर के चुनाव और सांसदों को शपथ दिलाने जैसे कार्य किए जाएंगे।

बजट की तैयारी शुरू

वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के लिए बजट की तैयारी शुरू हो चुकी है और वित्त मंत्री के कार्य भार संभालने के बाद यह प्रक्रिया अब तेज हो जाएगी। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक फिलहाल आर्थिक गतिविधियों के लिए अपनाई गई पुरानी नीतियां ही जारी रखी जाएंगी। पहले की तरह इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकारी खर्च जारी रहेगा और रोजगार के सृजन के लिए सरकार मैन्युफैक्चरिंग प्रोत्साहन स्कीम जारी रखेगी।

विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान

कोरोना महामारी के बाद दुनिया की अर्थव्यवस्था की हालत खराब हो गई परंतु सरकारी नीतियों की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी से उबरते हुए पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई। सीतारमण के कार्यकाल में राजस्व संग्रह ने नया रिकॉर्ड बनाया तो राजकोषीय घाटे में कोरोना काल के बाद से लगातार कमी आ रही है। तमाम आर्थिक सूचकांक में मजबूती को देखते हुए आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी विकास दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।