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एक ही देश से 2.5 करोड़ छाते का आयात होता है, इसलिए शुल्क में बढ़ोतरी की गई : निर्मला सीतारमण

लोकसभा में सीतारमण ने बताया कि वर्ष 2013 में कांग्रेस के शासन काल में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के बाली समझौते में सरकार ने ऐसा समझौता कर लिया था जिसके तहत वर्ष 2017 के बाद से सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से चावल की खरीदारी नहीं कर पाती।

By Ashish DeepEdited By: Updated: Fri, 11 Feb 2022 10:43 AM (IST)
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आज हम किसानों से अनाज खरीद कर गरीबों को अनाज बांट पा रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण ब्‍यूरो। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पेश बजट पर जवाब देने के दौरान लोकसभा में बताया कि देश में हर साल एक ही देश से 2.5 करोड़ छाते का आयात होता है। उन्होंने चीन की ओर इशारा करते हुए कहा कि आप यह समझ गए होंगे कि किस देश से इतनी अधिक संख्या में छाते का आयात होता है। इसे देखते हुए ही छाते के आयात पर लगने वाले 10 फीसद शुल्क को बजट में 20 फीसद करने की घोषणा की गई। ताकि घरेलू स्तर के छोटे उद्यमियों को छाते निर्माण का मौका मिल सके।

उन्होंने बताया कि उनके पास छाता बनाने वाले एमएसएमई के प्रतिनिधि आए थे और उन्होंने बताया था कि आयात शुल्क कम होने की वजह से एक ही देश से इतने छाते का आयात हो रहा है। आयात शुल्क बढ़ने से चीन से छाते के आयात में कमी आएगी और छोटे उद्यमियों को निर्माण का मौका मिलेगा।

किसानों से अनाज लेकर बांट रहे गरीबों को

लोकसभा में सीतारमण ने यह भी बताया वर्ष 2013 में कांग्रेस के शासन काल में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के बाली समझौते में सरकार ने ऐसा समझौता कर लिया था, जिसके तहत वर्ष 2017 के बाद से सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से चावल की खरीदारी नहीं कर पाती। लेकिन मोदी सरकार ने इसे ठीक कराया और तभी आज हम किसानों से अनाज खरीद कर गरीबों को अनाज बांट पा रहे हैं।

सेस से ही भर रहा राज्‍यों का खजाना

सीतारमण ने बताया कि केंद्र जो सेस वसूलती है, उनमें से राज्यों को विभिन्न केंद्रीय कार्यक्रम के तहत रकम दी जाती है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2013-14 में राज्यों को केंद्र की तरफ से 6 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे, जो चालू वित्त वर्ष में 17 लाख करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है।

BSNL को फिर खड़ा करेंगे

वित्त मंत्री ने बताया कि बीएसएनएल को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और बीएसएनएल की 4जी सेवा लांच करने के लिए 24,000 करोड़ रुपए दिए गए हैं।