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Crypto पर RBI और सरकार द्वारा पूरे सामंजस्य के साथ किया जा रहा है काम: सीतारमण

सीतारमण ने कहा कि RBI और मंत्रालय न केवल क्रिप्टो पर बल्कि हर चीज़ पर पूर्ण सामंजस्य के साथ कर रहा है। हम एक दूसरे के डोमेन का सम्मान करते हैं और यह भी जानते हैं कि हमें एक दूसरे की प्राथमिकताओं के साथ राष्ट्र हित में क्या करना है।

By Lakshya KumarEdited By: Updated: Tue, 15 Feb 2022 07:02 AM (IST)
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Crypto पर RBI और सरकार द्वारा पूरे सामंजस्य के साथ किया जा रहा है काम: सीतारमण
नई दिल्ली, आइएएनएस/पीटीआइ। क्रिप्टो की फिर से चर्चा हो रही है क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि आरबीआई अगले वित्त वर्ष में एक ब्लॉक चेन आधारित डिजिटल मुद्रा लॉन्च करेगा। सरकार ने डिजिटल संपत्तियों पर कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा है।

सीतारमण ने कहा कि RBI और मंत्रालय न केवल क्रिप्टो पर बल्कि हर चीज़ पर पूर्ण सामंजस्य के साथ कर रहा है। हम एक दूसरे के डोमेन का सम्मान करते हैं और यह भी जानते हैं कि हमें एक दूसरे की प्राथमिकताओं के साथ राष्ट्र हित में क्या करना है।"

वहीं, शक्तिकांत दास ने कहा, "कई अन्य मुद्दों की तरह, यह विशेष मुद्दा आंतरिक रूप से आरबीआई और सरकार के बीच चर्चा में है। हमारे पास जो भी बिंदु हैं, हमने सरकार के साथ चर्चा की। इसके अलावा मुझे लगता है कि मैं और विस्तार से बताना पसंद नहीं करूंगा।"

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कुछ दिन पहले क्रिप्टो निवेशकों के लिए कहा था, "यह मेरा कर्तव्य है कि जो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं मैं उन निवेशकों को बताऊं कि यह ध्यान रखें कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं और यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि क्रिप्टोकुरेंसी का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है।"

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जिन मुद्दों पर वित्त मंत्री और आरबीआई गवर्नर के बीच चर्चा हुई हैं, उनमें किसी पर भी विचारों में कोई अंतर नहीं है।

बता दें कि समाचार एजेंसी पीटीआइ ने हाल ही में सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट किया था कि भारत की अपनी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा (India's Digital Currency) 2023 की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है।

एक शीर्ष सरकारी सूत्र ने बताया था कि यह मौजूदा समय में उपलब्ध किसी निजी कंपनी द्वारा संचालित इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट जैसी ही होगी, लेकिन इसके साथ ‘सरकारी गारंटी’ जुड़ी होगी।