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रूस-यूक्रेन युद्ध ने बिगाड़ी पश्चिमी देशों की सेहत, कूटनीति से भारत ने सभी मुश्किलों को छोड़ा पीछे

भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोरोना और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी कठिन परिस्थियों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था में मंदी आने की कोई संभावना नहीं है। 2023 में भी जीडीपी ग्रोथ रेट 5.9 प्रतिशत रह सकती है। (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaUpdated: Sun, 23 Apr 2023 02:04 PM (IST)
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nirmala sitharaman statement on russia ukraine wa
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले कुल सालों में दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की अर्थव्यवस्था 5.9 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। भारत की अर्थव्यवस्था में गति ऐसे समय पर बनी हुई है, जब दुनिया रूस-यूक्रेन युद्ध और कोरोना के कारण अलग-अलग समस्याओं का सामना कर रही है।

इसी को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में बताया कि कैसे इस दौरान सही फैसलों के कारण भारत सफलतापूर्वक कठिन परिस्थितियों से निकला, जबकि पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था अभी भी संघर्ष कर रही है।

वित्त मंत्री ने कहा दुनिया में यूक्रेन अनाज, दवाइयों, खाद्य तेलों और मिलिट्री उत्पादों का और रूस क्रूड ऑयल, उर्वरक और अनाज का बड़ा उत्पादक है। दोनों के युद्ध में जाने के कारण इन सभी सामानों का संकट दुनिया में पैदा हो गया। अनाज से लेकर क्रूड ऑयल की कमी होने लगी।

पश्चिमी देशों ने किया संघर्ष

सीतारमण ने कहा कि यूक्रेन पर हमले के कारण पश्चिमी देशों की ओर से रूस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इस कारण वहां से सामानों की खरीद करना बंद दिया गया और पश्चिमी देशों के इस फैसले ने उन्हें काफी नुकसान पहुंचाया है।

भारत ने किया रूस और अमेरिका दोनों से बनाए रखे संबंध

रूस- यूक्रेन युद्ध के कारण पश्चिमी देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। इस कारण पश्चिमी देशों ने रूस से व्यापार काफी कम कर दिया है। वहीं, भारत ने रूस से डिस्काउंट पर कच्चा तेल खरीद कर अपने अर्थव्यवस्था को गति देने का किया है। साथ ही क्वॉड और जी20 सम्मेलन के जरिए अमेरिका से भी मजबूत संबंध स्थापित किए हैं।