Niva Bupa IPO Listing: शेयर बाजार में एंट्री लेते ही निवेशकों को हुआ फायदा, 6 फीसदी प्रीमियम के साथ हुई लिस्टिंग
आज स्टॉक मार्केट में हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर की नीवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के शेयर लिस्ट हुए। कंपनी के शेयर की लिस्टिंग दोनों सूचकांक यानी बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध हुए हैं। लिस्टिंग के साथ ही निवेशकों को लाभ हुआ क्योंकि कंपनी के शेयर प्रीमियम के साथ लिस्ट हुए हैं। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि नीवा बूपा शेयर का भाव क्या है और क्या इसे तुरंत बेचना चाहिए।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर बाजार में आज हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के शेयर की लिस्टिंग हुई। हम Niva Bupa के बारे में बात कर रहे हैं। कंपनी के शेयर ने प्रीमियम के साथ एंट्री ली है। इसका मतलब है कि जिन निवेशकों के पास शेयर हैं उन्हें पहले दिन ही लाभ हुआ है। आपको बता दें कि पिछले हफ्ते इसका आईपीओ खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों से मिला-जुला रिस्पांस मिला है।
क्या है शेयर की कीमत
हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) सेक्टर की निवा बूपा (Niva Bupa) के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्ट हो गए हैं। कंपनी के आईपीओ का इश्यू प्राइस 74 रुपये प्रति शेयर था जो 6 फीसदी के प्रीमियम के साथ 74 रुपये प्रति शेयर पर सूचीबद्ध हुआ। एनएसई पर कंपनी के शेयर 74 रुपये और बीएसई पर 78.50 रुपये प्रति शेयर पर लिस्ट हुए।
क्या बेच देना चाहिए शेयर
हाल में आए एक सर्वे के अनुसार निवेशक आईपीओ की लिस्टिंग के ढाई दिन के बाद उसे बेच देते हैं। अब निवेशकों के मन में सवाल है कि क्या उन्हें शेयर बेच देना चाहिए या नहीं। इसको लेकर Mehta Equities के प्रशांत तापसे ने कहा कि लॉन्ग टर्म के लिए इसके शेयर को होल्ड करना चाहिए। अगर निवेशक शॉर्ट टर्म के लिए देख रहे हैं तो उन्हें उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।इसके आगे उन्होंने कहा कि जिन निवेशकों को शेयर अलॉट नहीं हुआ है, वह इश्यू प्राइस के करीब होने पर इसे खरीद सकते हैं।
निवा बूपा आईपीओ के बारे में
निवा बूपा ने आईपीओ के जरिये 2,200 करोड़ रुपये जुटाए हैं। 7 नवंबर को एंकर निवेशकों के जरिये कंपनी ने 990 करोड़ रुपये जुटाए हैं। यह आईपीओ ओवरऑल 1.90 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस आईपीओ में 800.00 करोड़ रुपये के फ्रेश इश्यू जारी हुए थे। इसके अलावा 189,189,189 शेयर ऑफर फॉर सेल के तहत बेचे गए। कंपनी ने बताया कि वह फ्रेश इश्यू से जुटाए राशि का इस्तेमाल सॉल्वेंसी लेवल को मजबूत करने के लिए करेगी। इसके अलावा कैपिटल बेस बढ़ाने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए भी कंपनी फंड का इस्तेमाल करेगी।यह भी पढ़ें: दो दशकों तक किया भारत पर हुकूमत, आज ये देश दे रहा एक साल में 5 लाख भारतीयों को नौकरी