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'फुटवियर की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं', केंद्रीय मंत्री गोयल बोले- एक जुलाई से ही लागू होगा नियम

उद्योग जगत के मुताबिक देश में फुटवियर का कारोबार 80000 करोड़ रुपए का है। फुटवियर निर्माताओं के मुताबिक गुणवत्ता नियम का पालन करने के लिए अब एक स्पो‌र्ट्स जूते को बाजार में भेजने से पहले 60 प्रकार के टेस्ट से गुजरना होगा।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 14 Jun 2023 09:47 PM (IST)
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फुटवियर की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं (फोटो: पीटीआई)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को साफ कर दिया कि फुटवियर को लेकर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की तरफ से जारी गुणवत्ता नियम आगामी एक जुलाई से ही लागू होंगे। सालाना 50 करोड़ से अधिक टर्नओवर वाले फुटवियर निर्माताओं के लिए यह नियम लागू होगा।

सालाना 50 करोड़ से कम और पांच करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले निर्माताओं को एक जनवरी, 2024 से गुणवत्ता नियम का पालन करना होगा तो पांच करोड़ से कम टर्नओवर वाले निर्माताओं को अगले साल जुलाई से गुणवत्ता नियम का पालन करना होगा। बुधवार को गोयल ने प्रमुख फुटवियर निर्माताओं के साथ लंबी बैठक के बाद यह घोषणा की।

पूर्व में घोषित फुटवियर गुणवत्ता नियम में सालाना 50 करोड़ से कम टर्नओवर वाले निर्माताओं को नियम पालन से छूट दी गई थी। फुटवियर निर्माता कुछ और महीनों की मांग कर रहे थे।

क्या कुछ बोले पीयूष गोयल?

बैठक के बाद गोयल ने बताया कि अब माइक्रो व स्माल फुटवियर निर्माताओं को भी गुणवत्ता नियम का पालन करना होगा, लेकिन उन्हें इसकी तैयारी के लिए समय दिया गया है।

उद्योग जगत के मुताबिक, देश में फुटवियर का कारोबार 80,000 करोड़ रुपए का है। फुटवियर निर्माताओं के मुताबिक, गुणवत्ता नियम का पालन करने के लिए अब एक स्पो‌र्ट्स जूते को बाजार में भेजने से पहले 60 प्रकार के टेस्ट से गुजरना होगा।

उनका कहना है कि 1000 रुपए के जूते को इतने प्रकार के टेस्ट से गुजारने में लगभग 150 रुपए की लागत आएगी। वहीं, टेस्ट में पास होने के लिए उन्हें पहले के मुकाबले अच्छी गुणवत्ता वाले कंपोनेंट्स लगाने होंगे। उद्यमियों ने गुणवत्ता नियम के पालन में टेस्टिंग सुविधा की कमी का हवाला दिया था।

क्या फुटवियर निर्माताओं को लगानी पड़ेगी टेस्टिंग मशीन?

इस पर गोयल ने कहा कि बीआईएस अपने खर्च पर टेस्टिंग सुविधा स्थापित करने के लिए तैयार है। फुटवियर निर्माताओं को यह भी साफ कर दिया गया कि उन्हें टेस्टिंग मशीन लगाना अनिवार्य नहीं है, वे बीआईएस के टेस्टिंग लैब में जांच करा सकते हैं। माइक्रो कारोबारियों को बीआईएस की टेस्टिंग फीस में 80 फीसद की रियायत दी जाएगी।

आगामी सोमवार से बीआईएस के अधिकारी फुटवियर निर्माताओं के साथ मिलकर गुणवत्ता नियम को लेकर उनके संदेह को दूर करेंगे। बीआईएस नियम लागू होने से चीन से आने वाले घटिया फुटवियर पर रोक लगेगी, क्योंकि चीन की कंपनियों को भारत में अपना माल बेचने के लिए बीआईएस से सर्टिफिकेट लेना होगा। अभी 80-80 रुपए में घटिया किस्म के जूते चीन से आयात किए जाते हैं।

आयात कम होने से भारतीय निर्माता को उत्पादन बढ़ाने का मौका मिलेगा और विदेशी बाजार में भारतीय फुटवियर की विश्वसनीयता बढ़ेगी जिससे फुटवियर निर्यात बढ़ेगा।