31 अगस्त तक EMI नहीं देने का विकल्प, लेकिन उससे पहले इन बातों को जानना है जरूरी
टैक्स और निवेश विशेषज्ञ बलवंत जैन का कहना है कि मोराटोरियम सुविधा के विकल्प को चुनना कोई बुरी बात नहीं है।
By Ankit KumarEdited By: Updated: Mon, 25 May 2020 06:52 AM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। रिजर्व बैंक (RBI) ने पर्सनल लोन, होम लोन और कार लोन जैसे किसी भी तरह के टर्म लोन की EMI का भुगतान करने वालों के लिए बड़ी राहत का एलान किया है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को EMI पर मोराटोरियम को तीन और माह यानी 31 अगस्त तक के लिए जारी रखने की घोषणा की। इससे पहले RBI ने लेनदारों को 31 मई तक EMI चुकाने से राहत दी थी। हालांकि, अगर आपका कोई टर्म लोन चल रहा है और आप EMI पर मोराटोरियम के विकल्प को चुनना चाहते हैं तो उसे पहले आपके लिए विभिन्न बातों को जानना जरूरी है।
EMI टालने से पहले इन चीजों पर गौर करना है जारी1. ब्याज का बोझ बढ़ेगा
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस विकल्प को चुनने पर आप पर ब्याज का बोझ बढ़ेगा क्योंकि आपने जिस अवधि के मोराटोरियम के विकल्प को चुना है, उतने दिन का ब्याज आपको देना पड़ेगा। ऐसे में अगर आपकी आय प्रभावित नहीं है और आपके पास पर्याप्त फंड हैं तो आपको EMI का भुगतान करना चाहिए। टैक्स और निवेश विशेषज्ञ बलवंत जैन का कहना है कि मोराटोरियम सुविधा के विकल्प को चुनने में कोई बुराई नहीं है। हालांकि, इससे पहले आपको इस बात का आकलन कर लेना चाहिए कि जब कुछ पहले की तरह सामान्य होगा तो आपके पास एक अतिरिक्त राशि होगी, जिसका इस्तेमाल आप लोन के ब्याज को चुकाने के लिए कर सकेंगे। वहीं, जैन के मुताबिक वे लोग इस विकल्प को चुन सकते हैं, जिन्हें नौकरी जाने या वेतन में कटौती की आशंका हो।
2. कैसे ले सकते हैं इस सुविधा का लाभअलग-अलग बैंकों ने इसके लिए तमाम तरीके के कदम उठाए हैं। उदाहरण के लिए कई बैंकों ने इसके लिए अपने पोर्टल पर एक ऑप्शन दिया है, जहां आप अपना लोन नंबर डालकर मोराटोरियम का विकल्प चुन सकते हैं। दूसरी ओर कई बैंकों ने अपने सभी ग्राहकों के लिए इसे लागू कर दिया है। हालांकि, अगर आप लोन पर मोराटोरियम नहीं चाहते हैं तो आप बैंक से सम्पर्क कर सकते हैं।
3. किन लोगों को मिलेगी राहतरिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन से प्रभावित कारोबारियों, आम लोगों के लिए यह राहत प्रदान की। इससे उन लोगों को बड़ी मदद मिलने की संभावना है, जो कैश-फ्लो की कमी से जूझ रहे हैं।