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चीन को पीछे छोड़ने के लिए इस शहर में लग रही खिलौना बनाने की फैक्ट्री, 6000 से ज्यादा लोगों को मिलेगा रोजगार

पार्क में जमीन लेने वाली प्रमुख कंपनियों में फन राइड टॉयस एलएलपी सुपर शूज फन जू टॉयज इंडिया आयुष टॉय मार्केटिंग सनलार्ड अप्पारेल्स भारत प्लास्टिक जय श्री कृष्णा गणपति क्रिएशन और आरआरएस ट्रेडर्स प्रमुख हैं। अभी देश में खिलौना बनाने वाली करीब चार हजार से ज्यादा इकाइयां हैं

By NiteshEdited By: Updated: Sat, 07 Aug 2021 08:00 AM (IST)
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अभी देश में खिलौना बनाने वाली करीब चार हजार से ज्यादा इकाइयां हैं
नई दिल्ली, आइएएनएस। योगी आदित्यनाथ सरकार ने नोएडा के सेक्टर 33 में टॉय पार्क का निर्माण करवाया है। इस पार्क में खिलौना बनाने की फैक्ट्री लगाने के लिए 134 उद्योगपतियों ने भूखंड लिया है। दरअसल, चीन के खिलौना उद्योग को नोएडा से कड़ी टक्कर मिलेगी। 134 उद्योगपति 410.13 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे और टॉय पार्क में अपनी फैक्ट्री स्थापित करेंगे। इन खिलौना फैक्ट्रियों में 6157 लोगों को स्थायी रोजगार मिलेगा। अभी देश में खिलौना बनाने वाली करीब चार हजार से ज्यादा इकाइयां हैं।

गौरतलब है बीते वर्ष मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खिलौना कारोबार में दुनिया में देश की हिस्सेदारी बढ़ाने को लेकर बात की थी जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खिलौना कारोबार को बढ़ावा देने के लिए कई फैसले लिए। इसमें यूपी का पहला पहला खिलौना क्लस्टर (टॉय पार्क ) यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण क्षेत्र में विकसित करने का फैसला भी लिया गया।

यीडा के सेक्टर 33 में टॉय पार्क के लिए सौ एकड़ से अधिक जमीन खिलौना उत्पादन करने वाली इकाईयां के लिए चिन्हित की गई। अब तक 134 कंपनियों को टॉय पार्क में खिलौना फैक्ट्री स्थापित करने के लिए जमीन आवंटित की गई है। जल्द ही जमीन पाने वाली कंपनियां टॉय पार्क में फैक्ट्री लगाने का काम शुरू करेंगी।

इन कंपनियों ने लिया जमीन

पार्क में जमीन लेने वाली प्रमुख कंपनियों में फन राइड टॉयस एलएलपी, सुपर शूज, फन जू टॉयज इंडिया, आयुष टॉय मार्केटिंग, सनलार्ड अप्पारेल्स, भारत प्लास्टिक, जय श्री कृष्णा, गणपति क्रिएशन और आरआरएस ट्रेडर्स प्रमुख हैं। टॉय पार्क में प्लास्टिक और लकड़ी से बने बैटरी से चलने वाले खिलौने बनेंगे, अभी चीन में बने ऐसे खिलौने देश में छोटे बच्चे खेलते हैं। टॉय पार्क में खिलौना फैक्ट्री लगाने के लिए आगे आयी ये कंपनियां चीनी में बने खिलौनों की मार्केट को चुनौती देंगी। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2024 तक भारत का खिलौना उद्योग 147-221 अरब रुपये का हो जाएगा।