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अब गांवों में ''Ease of Living'' के लिए मिशन मोड पर मोदी सरकार, देशभर में आोयजित होंगे चार कार्यशाला

मोदी सरकार Ease of Living के लिए मिशन मोड पर है। इसके लिए सरकार हैदराबाद में ईज आफ लिविंग एनहेंसिंग सर्विस डिलीवरी एट द ग्रासरूट्स पंचायत सम्मेलन शीर्षक से 22 अक्टूबर को कार्यशाला आयोजित करेगी। इसके अलावा इस मिशन के तहत देशभर में चार कार्यशाला आयोजित होंगे। यह कार्यशाला चायतीराज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज की अध्यक्षता में होगी। पढ़ें पूरी खबर...

By Jagran News Edited By: Priyanka Kumari Updated: Sat, 19 Oct 2024 06:56 PM (IST)
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''Ease of Living'' के लिए तैयार मोदी सरकार
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शहरों में 'Ease of Living' (जीवन की सुगमता) के लिए तो लगातार प्रयास किए जाते रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार अब ग्रामीण भारत में जीवन की सुगमता बढ़ाने के लिए मिशन मोड पर काम करेगी। पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से नागरिक केंद्रित सेवाओं को तेज गति से धरातल पर उतारने के लिए पंचायतीराज मंत्रालय पूरे रोडमैप के साथ काम शुरू करने जा रहा है।

इससे संबंधित अनुभव, अवसर और चुनौतियों पर विस्तृत मंथन के लिए देशभर में चार कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। पहली कड़ी में हैदराबाद में 'ईज आफ लिविंग: एनहेंसिंग सर्विस डिलीवरी एट द ग्रासरूट्स' पंचायत सम्मेलन शीर्षक से 22 अक्टूबर को कार्यशाला होने जा रही है, जिसमें सात राज्य शामिल होंगे।

पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा हैदराबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायतीराज में आयोजित की जा रही इस कार्यशाला में आंध्र प्रदेश, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, मिजोरम, ओडिशा और तेलंगाना के पंचायतीराज संस्थाओं के जनप्रतिनिधि व संबंधित अधिकारी भाग लेंगे।

यहां कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली से संबंधित 29 सेक्टर की जनता से जुड़ी सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की जानी है। पंचायतीराज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज की अध्यक्षता में होने जा रही कार्यशाला में आमंत्रित प्रतिनिधि जनता केंद्रित सेवाओं से जुड़े अपने अनुभव, अवसर और चुनौतियों के बारे में बताएंगे।

इस सम्मेलन का उद्देश्य जन सेवाओं को धरातल पर उतारते हुए गांवों में ईज आफ लिविंग को साकार करने के लिए राज्यों की रणनीति, अच्छे कार्यों और सुझावों को साझा करते हुए समग्रता में रोडमैप तैयार करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार गांवों में नागरिक केंद्रित योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने की ओर बढ़ना है।

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रूरल डेवलपमेंट एंड पंचायतीराज भी अपना विस्तृत प्रस्तुतीकरण करेगा। राज्यों से आ रहे प्रतिनिधियों को बताया जाएगा कि सेवा की पहुंच में तकनीक की मदद लें। उदाहरण के तौर पर भाषायी बाधा दूर करने के लिए भाषिणी, संवाद के लिए यूनिसेफ के रैपिडप्रो प्लेटफार्म और आनलाइन डिलीवरी सिस्टम के लिए सर्विस प्लस का इस्तेमाल किया जाना है।

इससे पूर्व ग्रामीण जनता तक आवश्वक नागरिक सेवाओं और सुविधाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए ही 21 अक्टूबर को एक वेबिनार भी आयोजित किया जा रहा है जिसमें सभी राज्यों के मुख्य सचिव, आइटी सचिव, पंचायतीराज विभाग के अधिकारी, आकांक्षी जिलों के जिला कलक्टर भाग लेंगे। विशेषज्ञ के तौर पर आईआईटी और एनआईटी के डायरेक्टर गांवों में नागरिक केंद्रित सेवाओं की पहुंच अंतिम छोर तक पहुंचाने और डिजिटल साक्षरता बढ़ाने जैसे विषयों पर बात करेंगे।