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Insurance Policy Rules: अब सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में मिलेगी नई बीमा पॉलिसी, नॉमिनी की जानकारी देना भी हुआ अनिवार्य

इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा के लिए नियमों में लगातार बदलाव करता है। नए वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत के साथ भी इंश्योरेंस से जुड़े कुछ नियम बदल रहे हैं। अब सभी नई बीमा पॉलिसी सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में जारी होंगी। साथ ही नॉमिनी की जानकारी देना भी अनिवार्य हो गया है। आइए इन बदलावों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 01 Apr 2024 07:20 PM (IST)
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अब कंपनियां नॉमिनी की जानकारी के बिना नई जीवन बीमा पॉलिसी जारी नहीं कर सकेंगी।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। लाइफ इंश्योरेंस परिवार के आर्थिक भविष्य को सुरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण उपाय है। इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा के लिए नियमों में बदलाव करता रहता है। इस बार भी वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत के साथ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़े कुछ नियम बदल रहे हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।

डिजिटल बीमा खाते में जारी होगी

पॉलिसीबीमाधारकों के हितों की रक्षा के लिए इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा लगातार नियमों में बदलाव कर रहा है। इरडा के नए नियमों के अनुसार, सभी बीमा कंपनियां एक अप्रैल 2024 से नई बीमा पॉलिसी केवल इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में ही जारी करेंगी। बीमा कंपनी प्रत्येक पॉलिसीधारक के लिए एक डिजिटल खाता खुलवाएगी। बीमा पॉलिसी इसी खाते में जारी की जाएगी।

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हालांकि, पॉलिसीधारकों के पास फिजिकल फॉर्मेट (कागजी दस्तावेज) में पॉलिसी लेने का विकल्प भी रहेगा। इसके लिए उन्हें अलग से आवेदन करना होगा। पॉलिसीधारक पुरानी पॉलिसी को भी डिजिटल फॉर्मेट में बदलवा सकेंगे। डिजिटल बीमा खाते में पॉलिसीधारक की सभी पॉलिसी दिखाई देंगी। इस कदम से परिपक्वता के समय कागजी दस्तावेज के फटने या खोने से होने वाली समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।

बिना नॉमिनी जारी नहीं होगी पॉलिसी

इरडा के नए नियमों के अनुसार, एक अप्रैल से कंपनियां नॉमिनी की जानकारी के बिना नई जीवन बीमा पॉलिसी जारी नहीं कर सकेंगी। पॉलिसी जारी होने के बाद कंपनियों को नॉमिनी में बदलाव का विकल्प उपलब्ध कराना होगा। इसके लिए कंपनियां अधिकतम 100 रुपये तक का शुल्क ले सकेंगी। इसके अलावा, अब बीमा कंपनियां सभी प्रकार के रिफंड केवल पॉलिसीधारक के बैंक खाते में दे सकेंगी। इसके लिए बीमा कंपनियों को पॉलिसी की बिक्री के समय में बैंक खाते की जानकारी लेना अनिवार्य होगा।

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